नेशनल लोक अदालत के प्रचार प्रसार हेतु प्रधान जिला न्यायाधीश ने वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना



अशोकनगर [जनकल्याण मेल] राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के तत्वावधान में तथा म0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार 08 मार्च 2025 को जिला न्यायालय अशोकनगर तथा तहसील न्यायालय, चंदेरी, मुंगावली एवं ईसागढ़ में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। नेशनल लोक अदालत के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अशोकनगर श्री प्रकाश चन्द्र आर्य द्वारा बुधवार को जिला न्यायालय परिसर अशोकनगर से प्रचार वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। साथ ही बताया कि उक्त प्रचार वाहन के माध्यम से आमजन को नेशनल लोक अदालत के बारे में जागरूक किया जायेगा। ऐसे पक्षकार जिनके मामले न्यायालयों में लंबित हैं या ऐसी परिस्थिति निर्मित है, जो भविष्य में न्यायालय में जाने का विषय बन सकती है, दोनों ही परिस्थितियों में पक्षकार स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अशोकनगर या तहसील विधिक सेवा समिति चंदेरी, मुंगावली एवं ईसागढ़ न्यायालय में संपर्क कर अपने मामलों का निराकरण करा सकते हैं, जिससे दोनों पक्षों में उत्पन्न वैमनस्यता समाप्त हो जाती है और दोनों पक्षकारों की जीत होती है। प्री-लिटिगेशन स्तर पर रखे जाने वाले मामलों में कोर्ट फीस नहीं लगती है तथा लंबित मामलों में पूर्व में दी गई कोर्ट फीस वापस हो जाती है। उक्त लोक अदालत में विद्युत विभाग के प्रीलिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एसवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छःमाही चक्र बृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत की दर से लगने वाले व्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छः माही चक्र वृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले व्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जावेगी। नगर पालिका संपत्तिकर, जलकर एवं अन्य उपभोक्ता प्रभार के मात्र अधिभार सरचार्ज में निम्न शर्तों के साथ छूट प्रदान की जायेगी।

संपत्तिकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि रू. 50,000/-रूपये तक बकाया है, पर मात्र अधिभार में 100 प्रतिशत छूट। संपत्तिकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि 50,000/-रूपये से अधिक तथा रू. 1,00,000/-रूपये तक बकाया है, पर मात्र अधिभार में 50 प्रतिशत तक की छूट। संपत्तिकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि रू. 1,00,000/-रूपये से अधिक बकाया है, पर मात्र अधिभार में 25 प्रतिशत तक की छूट। जलप्रभार एवं अन्य उपभोक्ता प्रभार के ऐसे प्रकरण जिनमें जलप्रभार एवं अन्य उपभोक्ता प्रभार तथा अधिभार की राशि रू. 10,000 तक बकाया है, पर मात्र अधिभार में 100 प्रतिशत तक की छूट। जलप्रभार एवं अन्य उपभोक्ता प्रभार के ऐसे प्रकरण जिनमें जलप्रभार एवं अन्य उपभोक्ता प्रभार तथा अधिभार की राशि रू. 10,000/-रूपये से अधिक तथा 50,000/-रूपये तक बकाया है, पर मात्र अधिभार में 75 प्रतिशत तक की छूट। जलप्रभार एवं अन्य उपभोक्ता प्रभार के ऐसे प्रकरण जिनमें जलप्रभार एवं अन्य उपभोक्ता प्रभार तथा अधिभार की राशि रू. 50,000/-रूपये से अधिक बकाया है, पर मात्र अधिभार में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की जावेगी। उक्त कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश माननीय श्री प्रवेन्द्र कुमार सिंह, जिला न्यायाधीश माननीय श्री प्रकाश केरकेट्टा, जिला न्यायाधीश माननीय श्री उपदेश कुमार राठौर, जिला न्यायाधीश माननीय श्री राकेश कुमार पाटीदार, सचिव श्री मनीष अनुरागी, न्यायाधीश श्रीमती पूनम कटारिया, न्यायाधीश श्रीमती हर्षिता शर्मा, न्यायाधीश श्रीमती बबीता प्रजापत, न्यायाधीश श्रीमती गौरी सक्सेना, न्यायाधीश श्री ध्रवु अग्रवाल, न्यायाधीश सुश्री प्रिया चैहान बार अध्यक्ष श्री चन्द्रशेखर साहू, सचिव बार श्री रामनिवास शर्मा, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री बृजेश पटेल एवं लीगल एड डिफेंस काउंसल एवं अन्य अधिवक्तागण उपस्थित रहे।

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