एम्स भोपाल के प्रो. (डॉ.) गिरीश भट्ट ने दक्षिण अफ़्रीका में IPNA कांग्रेस 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व किया



भोपाल [जनकल्याण मेल]
कार्यकारी निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में, एम्स भोपाल वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है । एम्स भोपाल के बाल रोग नेफ्रोलॉजिस्ट प्रो. (डॉ.) गिरीश चंद्र भट्ट को 20वीं अंतर्राष्ट्रीय बाल चिकित्सा नेफ्रोलॉजी संघ (IPNA) कांग्रेस 2025 में बतौर वक्ता आमंत्रित किया गया। यह प्रतिष्ठित सम्मेलन 19-23 फरवरी को केपटाउन, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुआ।

इस कांग्रेस में प्रो. भट्ट ने भारतीय बच्चों में डिस्टल रीनल ट्यूबुलोपैथी (dRTA) के रजिस्ट्री डेटा को प्रस्तुत किया, जिसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा वित्त पोषित किया गया है। उनके शोध ने एशियाई बच्चों में dRTA के जीन विश्लेषण के माध्यम से नए आनुवंशिक उत्परिवर्तन (Genetic Mutations) की खोज की, जो पश्चिमी देशों में पाई जाने वाली आनुवंशिक गड़बड़ियों से भिन्न हैं। विशेष रूप से, एशियाई आबादी में पाई जाने वाली WDR72-संबंधित आरटीए की पहचान हुई। उन्होंने यह भी बताया कि विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में इस रोग का देर से और अधिक गंभीर रूप से निदान होता है।

इसके अतिरिक्त, एम्स भोपाल की पीडियाट्रिक डीएम छात्रा डॉ. अथिरा पी ने क्लिनिकल रिसर्च साइंटिफिक प्रोग्राम में भाग लिया, जहां उन्हें दुनिया भर के 20 चयनित छात्रों में स्थान मिला। इस ऑनलाइन रिसर्च फेलोशिप में वैज्ञानिक अनुसंधान, वैज्ञानिक लेखन और अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं के साथ मेंटरशिप जैसी महत्वपूर्ण प्रशिक्षण गतिविधियाँ शामिल थीं, जिससे बाल चिकित्सा नेफ्रोलॉजी में नवाचार को बढ़ावा मिला।

कार्यकारी निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने प्रो. भट्ट को इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई दी और बाल चिकित्सा नेफ्रोलॉजी अनुसंधान को आगे बढ़ाने में उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह के योगदान आईआईएमएस भोपाल की चिकित्सा अनुसंधान और रोगी देखभाल में उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता को और मजबूत करते हैं। प्रो. सिंह ने संकाय सदस्यों और छात्रों को भी वैश्विक वैज्ञानिक मंचों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया, ताकि ऐसे सहयोग स्थापित किए जा सकें जो जटिल चिकित्सा चुनौतियों के लिए नवीन समाधान प्रदान कर सकें।

प्रो. भट्ट ने इस उपलब्धि के लिए कार्यकारी निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह, बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) शिखा मलिक, उनके सहयोगी संकाय सदस्यों और बाल चिकित्सा नेफ्रोलॉजी टीम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल चिकित्सा शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाते हैं बल्कि दुनिया भर में गुर्दे की बीमारियों से पीड़ित बच्चों के उपचार में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।