महाशिवरात्रि : आज भगवान भोलेनाथ की उपासना से सराबोर रहेंगे भक्त रूपनाथ धाम में है सुरॅंगी रास्ता जो पहुँचता है बांदकपुर धाम
सचिन दुबे
कटनी [जनकल्याण मेल]
रूपनाथ धाम की यह किवदंती है कि यहां पर भोले बाबा की गुफा देखने को मिलती है, जिसमें शिवलिंग विराजमान है। रूपनाथ मंदिर में पार्वती माता का मंदिर बना हुआ है। यहां पर पहाड़ी के किनारे मंदिर बने है। यहां पर पर पहाड़ी के किनारे तीन कुंड देखने को मिलते हैं। इन कुंड को राम कुंड, लक्ष्मण कुंड, और सीता कुंड के नाम से जाना जाता है। रूपनाथ धाम में प्राचीन अभिलेख भी देखने को मिलता है। यह अभिलेख सम्राट अशोक का बताया जाता है। कहा जाता है की बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के लिए सम्राट अशोक यहां पर आए थे। वर्तमान में पूरा परिसर पुरातत्व विभाग के अधीन है। रुपनाथ धाम में एक सुरंगी रास्ता मौजूद है यह रास्ता बांदकपुर के जागेश्वरधाम तक पहुंचता है। माना जाता है की भगवान शिव इसी गुफा के रास्ते बांदकपुर के जागेश्वर नाथ गए थे। हालांकि यह रास्ता कई वर्षों से बंद है। लोगों को सुरंगी गुफा के भीतर जाना प्रतिबंधित है। एक ओर जहां रूपनाथ अर्थात भगवान भोलेनाथ का मंदिर है तो वहीं दूसरी ओर यहां श्रीराम, सीता व लक्ष्मण नाम के तीन कुंड भी हैं, जिसमें जल स्तर बारह महीनों बना रहता है। वहीं रूपनाथ धाम प्राकृतिक सौंदर्य से भी भरपूर है।
रुपनाथ धाम को लेकर एक धार्मिक किवदंती यह है कि यहां भगवान शिव की बारात रूकी थी बारातियों की प्यास बुझाने के लिए। भगवान शिव की कृपा से यहां तीन कुंड निर्मित हुए थे, जिन्हें आज श्रीराम कुंड सीता कुंड व लक्ष्मण कुंड के नाम से जाना जाता है। ये तीनों कुंड एक इमारत के पहले, दूसरे व तीसरे तल की तरह हैं। इस स्थान पर प्राकृतिक सौंदर्य की छटा भी चारों ओर बिखरी हुई है। जहां एक ओर यहां धार्मिक आस्था से जुड़े लोग पहुंचते हैं तो वहीं दूसरी ओर सैलानियों का भी यहां आना जाना बना रहता है। वहीं यहां पर अशोक सम्राट के रहने के निशान और विशेष लिपि में लिखे में लिखे गए शिलालेख पुरात्तव की कहानी बयां कर रहे हैं। रूपनाथ धाम में वैसे तो वर्ष भर दर्शनार्थियों का ताता लगा रहता है लेकिन महाशिवरात्रि पर यहां मेले जैसा नजारा होता है।
नीलकंठेश्वर मंदिर में दिव्य बारात की तैयारी
जिले से 35 किलोमीटर दूर स्थित भगवान शिव की नगरी नीलकंठेश्वर धाम में महाशिवरात्रि को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। हर साल की तरह इस वर्ष भी हजारों शिवभक्त यहां पहुंचेंगे और भगवान शिव - पार्वती के विवाह महोत्सव एवं भव्य बारात का हिस्सा बनेंगे। इसी तरह केलवारा कला के ग्राम गांगोटी स्थित शिवशक्ति धाम में शिवरात्रि पर पवन पर्व पर महारूद्राभिषेक व विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है।
अन्य मंदिरों में भी होगा विशेष आयोजन
शहर के मंदिरों में भी विशेष अनुष्ठान और पूजा - अर्चना की जाएगी। मंदिर समितियां इस पावन पर्व को भव्य रूप देने के लिए तैयारियों में जुटी है।