महाशिवरात्रि पर ओम नमः शिवाय की धुन और भोले के जयकारों से गूंजा एतिहासिक नगर चंदेरी



चंदेरी [जनकल्याण मेल] फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है ,हिंदू मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव जी और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इस दिन भक्त भोलेनाथ की पूजा करते हैं ,और व्रत रखते हैं। वहीं विधि विधान से आराधना करते हैं, माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की उपासना से कई गुना अधिक फल मिलता है, महाशिवरात्रि को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं, एक कथा के अनुसार माता पार्वती ने शिव को पति रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी इसके फलस्वरूप फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को माता पार्वती का विवाह भगवान शिव से हुआ था। इसी क्रम में आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर ऐतिहासिक नगरी चंदेरी में जगह-जगह मंदिरों में विधि विधान से भक्तों द्वारा पूजन अर्चन किया गया। सुबह से ही मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रही, शाम को शिवजी की बारात एवं कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें महिलाएं सिर पर कलश रखकर और बच्चे डीजे पर भोलेनाथ के जयकारों की धुन में मस्त होकर नाच गाकर शिव बारात का आनंद ले रहे थे,हम आपको बता दें खास बात यह है कि ऐतिहासिक नगरी चंदेरी में अति प्राचीन चार स्थानों पर विराजमान हैं हजारिया महादेव के शिवलिंग जहां एक बार जल चढ़ाने से ग्यारह सौ बार शिव का अभिषेक हो जाता है। चंदेरी स्थित हजारिया महादेव मंदिरों पर सुबह से ही भक्तों द्वारा भगवान भोलेनाथ का अभिषेक पूरे मंत्रोचार से किया गया, ओम नमः शिवाय और भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठी ऐतिहासिक नगरी चंदेरी, वही नगर के बीचो बीच स्थित शंकर मंदिर जो कि अति प्राचीन काल से बना हुआ है, यहां पर सुबह से ही दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा व भोलेनाथ का अभिषेक भक्तों द्वारा बड़े ही श्रद्धा भाव से किया गया।