गुना [जनकल्याण मेल] छात्र संगठन डीएसओ द्वारा उनके 94 वें शहादत दिवस पर जिले भर मे छात्रों के बीच विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम व परिचर्चायों का आयोजन किया गया। इसी क्रम में गुना पीजी कॉलेज में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कॉलेज इकाई उपाध्यक्ष शानू भिलाला ने कहा कि शहीद चंद्रशेखर आताद केवल नाम नहीं शोषण से मुक्ति का एक विचार है । आजाद अपने बचपन से ही आजादी आंदोलन में शरीक थे अजााद। जब 13 वर्ष के थे तब असहयोग आंदोलन चल रहा था उस दौरान पुलिस चंद्रशेखर आजाद को गिरफ्तार कर लेती है और उनसे जब पूछा जाता है आपका नाम क्या है? वो निर्भीकता से जबाब देते है आजाद! जब उनसे पूछा जाता है पिता का नाम क्या है?आजाद बोलते है स्वाधीनता! और जब घर का पता पूछा जाता है तो आजाद जबाव देते है जेलखाना... इस बार अंग्रेज अधिकारी गुस्सा हो जाता है और गुस्से में 15 बेंतों की सजा दी जाती है हर बेंत पर महात्मा गांधी की जय, वन्दे मातरम का नारा लगाते है। आजाद के मन में बचपन से ही अपने देश को आजाद कराने की ललक थी । कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में आम छात्र नौजवान शामिल हुए।