10वीं बोर्ड परीक्षा शुरू: पहले दिन हिंदी का पेपर, 500 से अधिक परीक्षार्थी रहे अनुपस्थित



गुना [जनकल्याण मेल] माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश, भोपाल की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। इसी क्रम में गुरुवार से कक्षा 10वीं की परीक्षा का शुभारंभ हुआ। पहले दिन विद्यार्थियों ने हिंदी का प्रश्न पत्र हल किया। परीक्षा में 17,532 पंजीकृत विद्यार्थियों में से 17,025 उपस्थित हुए, जबकि 507 परीक्षार्थी गैरहाजिर रहे। खास बात यह रही कि पहले ही दिन जिले में नकल का कोई मामला सामने नहीं आया। बोर्ड परीक्षाओं के सफल संचालन के लिए जिले में कुल 55 परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं। परीक्षा की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए प्रत्येक केंद्र पर एक केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष और अतिरिक्त केंद्राध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। जिन परीक्षा केंद्रों पर प्राइवेट छात्र शामिल हो रहे हैं, उन्हें संवेदनशील घोषित किया गया है। ऐसे 9 परीक्षा केंद्रों की विशेष निगरानी की जा रही है, ताकि परीक्षा सुचारू रूप से संचालित हो सके।

सुबह 8 बजे से हुई प्रवेश प्रक्रिया

निर्धारित नियमों के अनुसार, परीक्षार्थियों को अपने परीक्षा केंद्र पर तय समय से एक घंटा पहले पहुंचने के निर्देश दिए गए थे। सुबह 8 बजे से छात्रों का प्रवेश शुरू हुआ, जहां उनकी सघन जांच के बाद परीक्षा हॉल में प्रवेश दिया गया। परीक्षा सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित की गई। इस दौरान सभी केंद्रों पर शांति और अनुशासन बना रहा।

पहले दिन अनुपस्थित परीक्षार्थियों की बड़ी संख्या

परीक्षा आयोजन समिति के अनुसार, जिले में कुल 17,532 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होने वाले थे, लेकिन पहले दिन 507 परीक्षार्थी अनुपस्थित पाए गए। शिक्षा विभाग इस पर मंथन कर रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थी परीक्षा से वंचित क्यों रह गए।

आगे के पेपरों की तैयारियां तेज

उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य डॉ. एच.एन. जाटव ने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। आगे के पेपरों के लिए भी सभी परीक्षा केंद्रों पर कड़े इंतजाम किए गए हैं। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों से भी अपील की गई है कि वे परीक्षा के दौरान अनुशासन बनाए रखें और परीक्षा संबंधी सभी निर्देशों का पालन करें। बोर्ड परीक्षाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है।