सारनी [जनकल्याण मेल] घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के लोनिया पंचायत के सैकड़ों मजदूर ग्रामीणों ने 30 ट्रैक्टर की रैली निकालकर वन विभाग कार्यालय, ठप्पा तहसील, एसडीओपी कार्यालय का घेराव कर आदिल खान मुर्दाबाद मुर्दाबाद, आदिल खान हमें रोजगार दे के नारों के साथ नायब तहसीलदार, एसडीओपी, रेंजर को ज्ञापन सौंपकर आदिल पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस ज्ञापन रैली में 30 ट्रैक्टर चालकों ने अपने ट्रैक्टर लाकर अनोखे तरीके से अपनी शिकायत दर्ज कराई है। मजदूर ग्रामीण एवं ट्रैक्टर चालकों का आरोप है कि आदिल द्वारा शासकीय विभागों को गलत जानकारी देने के चलते उनकी रोजी-रोटी उनके हाथ से छीन गई है। ग्राम पंचायत लोनिया का रेत खदान शासन द्वारा स्वीकृत है। इस खदान से गांव के मजदूरों और ट्रैक्टर चालकों को रोजगार मिलता है। जिससे उनके परिवार का भरण-पोषण होता है। लेकिन आदिल खान पिछले 3-4 वर्षों से ग्राम पंचायत, वन विभाग और खनिज विभाग को गलत जानकारी दे रहा है। जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान हो रहा है।
आदिल के घर का घेराव करने जा रहे थे सैकड़ो मजदूर एसडीओपी ने रोका ...
एसडीओपी कार्यालय में प्रदर्शन के बाद समस्त ग्रामीण ऑफीसर कॉलोनी वार्ड क्रमांक 13 निवासी आदिल के घर के सामने धरने पर बैठने के लिए जाने वाले थे, लेकिन जैसे ही एसडीओपी रोशन कुमार जैन को घर के घेराव करने की जानकारी लगी तो उन्होंने मौके पर सभी को समझाइश देकर इस तरह का कृत्य करने के लिए मना किया। एसडीओपी की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने आदिल के घर जाने की जिद छोड़ी, हालांकि ग्रामीणों ने एसडीओपी से कहा कि अगली बार आदिल ने किसी भी प्रकार की कोई झूठी शिकायत की तो उसके घर के सामने समस्त ट्रैक्टर लगाकर मजदूर ग्रामीणों द्वारा धरना प्रदर्शन कर उससे रोजगार की मांग की जाएगी।
आदिल पर रिश्वत मांगने और धमकी देने का आरोप ...
ग्रामीणों का आरोप है कि आदिल खान प्रत्येक गाड़ी से 200 रुपए की मांग करता है। पैसे न देने पर वह शिकायत करता है और न्यूज पेपर में छापने की धमकी देता है। कई बार उसने न्यूज पेपर में खबरें छपवा भी दी हैं किंतु जांच के बाद किसी भी प्रकार की त्रुटि सामने नहीं आई, वहीं खनिज विभाग को भी गलत जानकारी देकर भ्रमित करता है। जिससे जांच के दौरान दो से तीन दिन तक ग्रामीण मजदूरों को रोजगार से वंचित रहना पड़ता है।
बेरोजगारी और पलायन की समस्या ...
आदिल खान की इन हरकतों के कारण गांव के मजदूरों के लिए मजदूरी की समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है, और इस कारण उन्हें जीवन यापन के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि आदिल खान की गलत जानकारी के कारण क्षेत्र के मजदूरों को काम के लिए बाहर जाना पड़ रहा है। जिससे उनके परिवारों पर भी संकट आ रहा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि आदिल खान द्वारा दी जा रही गलत जानकारियों की जांच की जाए और उस पर कठोर कार्यवाही की जाए। उन्होंने पुलिस से यह भी कहा है कि आदिल खान पर जल्द से जल्द कार्यवाही की जाए, ताकि क्षेत्रवासियों को रोजगार से वंचित न रहना पड़े।
आदिल का कहना है ...
शिकायत पूर्ण रूप से ग़लत और निराधार है, जो षड्यंत्रपूर्वक की गई है। अगर रेत के उत्खनन का कार्य क़ानूनी रूप से चल रहा है तो उसमें डरने या रोज़गार संकट जैसी कोई बात ही नहीं है। पूर्व में तवा नदी पर बना कच्चा रास्ता भी रेत का अवैध उत्खनन होने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी सारनी द्वारा बंद करवाया गया था।
आदिल खान
वाइल्डलाइफ़ एंड नेचर कंज़रवेशन एक्टिविस्ट