प्राइवेट स्कूलों की हड़ताल: मान्यता नियमों में बदलाव की मांग



गुना [जनकल्याण मेल]मध्यप्रदेश इवेट स्कूल एसोसिएशन के आह्वान पर गुरुवार को एमपी बोर्ड से संबद्ध पहली से आठवीं कक्षा तक के निजी स्कूल बंद रखे गए। गुना जिले में भी इस हड़ताल का प्रभाव देखा गया, जहां कई निजी स्कूलों में ताले लटके रहे। हालांकि, इस दौरान कुछ स्कूल खुले रहे और वहां प्री-बोर्ड परीक्षाएं पूर्ववत आयोजित की गईं। दरअसल, वर्तमान में प्रदेशभर में स्कूलों की मान्यता और उसके नवीनीकरण की प्रक्रिया चल रही है। प्राइवेट स्कूल संचालक रजिस्टर्ड किरायानामे की अनिवार्यता को लेकर आपत्ति जता रहे हैं। एसोसिएशन का कहना है कि कई स्कूल किराए की इमारतों में संचालित होते हैं, जहां तीन या पांच साल के लिए रजिस्टर्ड किरायानामा कराना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। ग्रामीण और कृषि भूमि पर स्थापित स्कूलों के लिए भी यह प्रक्रिया कठिनाई भरी है। ऐसे में सरकार को इस नियम पर पुनर्विचार करना चाहिए।

एसोसिएशन ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि 30 जनवरी को प्रदेशभर में एमपी बोर्ड से संबद्ध सभी निजी स्कूल बंद रहेंगे। संचालकों का कहना है कि पहली से आठवीं कक्षा तक की मान्यता के लिए रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट की बाध्यता को हटाया जाए और पूर्व की तरह नोटरी किरायानामे को ही मान्यता दी जाए। इसके अलावा, मान्यता के लिए 40 हजार रुपए की सुरक्षा निधि लेने की प्रक्रिया पर भी रोक लगाने की मांग की गई है। गुना में हड़ताल का मिला-जुला असर देखने को मिला। शहर में कुछ स्कूल बंद रहे, जबकि कुछ स्कूलों में नियमित रूप से पढ़ाई जारी रही। सोनी कॉलोनी स्थित मॉडर्न चिल्ड्रन स्कूल में कक्षाएं लगीं, वहीं लिटिल फ्लावर कॉन्वेंट स्कूल पूरी तरह बंद रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश स्कूल बंद रहे, जिससे अभिभावकों और छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

स्कूल संचालकों का कहना है कि वे सरकार या किसी कानून का विरोध नहीं कर रहे, बल्कि व्यावहारिक कठिनाइयों को सामने रखकर समाधान की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि जिन स्कूलों का संचालन पहले से हो रहा है, उन्हें इस नए नियम से मुक्त रखा जाना चाहिए। इसके अलावा, शिक्षा का अधिकार के तहत मिलने वाली राशि को भी समय पर जारी करने की मांग की गई है ताकि स्कूलों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। अब देखना यह होगा कि सरकार इस हड़ताल के बाद प्राइवेट स्कूलों की मांगों पर क्या रुख अपनाती है। चूंकि 31 जनवरी मान्यता नवीनीकरण की अंतिम तिथि है, ऐसे में जल्द ही कोई निर्णय लिया जा सकता है।