भोपाली का अद्भुत प्राकृतिक शिवलिंग जो कैलाश पर्वत की चोटी एवं बाबा बर्फानी का प्रतिक रूप माना जा रहा है*
गजेन्द्र सोनी
सारनी [जनकल्याण मेल]घोड़ाडोंगरी से 16 किलोमीटर दूर सतपुड़ा की सुरम्य वादियों के बीच-ओ-बीच बसा भोलेनाथ का प्रसिद्ध धाम भोपाली जिसे छोटा महादेव भी कहा जाता है छोटा महादेव की शिखर पहाड़ियों में 20 फुट गहरी गुफा में बाबा भोलेनाथ की प्राकृतिक शिवलिंग स्थित है जो प्राकृतिक रूप में संगमरमर जैसे पत्थर से बनी हुई यह प्राकृतिक शिवलिंग अमरनाथ में स्थित बाबा बर्फानी का प्रतिक माना जा रहा है वही इस शिवलिंग का शिखर हिस्सा कैलाश पर्वत की शिखर चोटियों की जैसा दिखाई देता है जिसके दर्शन के लिए भक्तगण अब अपने अपने साधन से गुफा तक पहुंच रहे हैं शिवलिंग तक पहुंचने वाला रास्ता भोपाली महादेव की गुफा के पास से होकर जाता है जो पहाड़ियों में दरार आने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया है जिससे अब भक्तगण भोले बाबा की इस शिवलिंग के दर्शन के लिए गाड़ी वाले रास्ते से शिखर पहाड़ी पर पहुंचकर दर्शन करते हैं शिवलिंग तक पहुंचने के लिए पहाड़ी पर स्थित नदी से होकर गुजरना पड़ता है वहीं इस शिवलिंग के दर्शन दूर से किये जा सकते पास से दर्शन करने के लिए सुरंग में से जाना पड़ता है जिसमे फसने की भी आसंका रहती है
*40 साल पहले खुदाई में निकला था शिवलिंग*
भोले बाबा के भक्त नर्मदा प्रसाद
दुबे ने बताया कि 40 साल पहले यह वामन कर बाबा और ग्रामीणों द्वारा पीने के पानी के लिए यहां पर कुआं खोदा जा रहा था जिसमें 20 फीट खुदाई के बाद यह गुफा दिखी थी है जिसमें प्राकृतिक रूप मे शिवलिंग बनी हुई है
वही भक्त बिंजालाल धुर्वे ने बताया कि इस गुफा में 3 फिट की प्राकृतिक शिवलिंग एवं शेषनाग बने हुए हैं। मेरे द्वारा नर्मदा परिक्रमा में 25-30 जिले घूमने के दौरान भी ऐसे प्राकृतिक शिवलिंग कही नही देखें
*भोपाली संक्षिप्त वर्णन*
छोटा महादेव के नाम से प्रसिद्ध भोपाली सतपुड़ा की सुरमई वादियों में स्थित है जिसमें प्राकृतिक सौंदर्य चारों ओर देखा जा सकता है जिस में प्राकृतिक रूप में बहने वाले झरने लोगों मन मोह लेते है भोपाली मैं सावन के महीने में श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन के लिए लगी रहती है तो वहीं शिवरात्रि में विशाल मेला लगता है जिसमें में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ भोले बाबा के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं यह भी कहा जाता है कि जब भगवान शिव का पीछा भस्मासुर नामक राक्षस कर रहा था तब भगवान शिव ने कुछ देर के लिये इस गुफा में शरण ली थी। जिसके बाद भोपाली की गुफा से भगवान भोलेनाथ ने बड़ा महादेव पचमढ़ी के लिए प्रस्थान किया था।