विपत्ति में भी भगवान पर भरोसा भक्त का लक्षण है : भागवताचार्य शिवम् कृष्ण शास्त्री



चंदेरी [जनकल्याण मेल]  ग्राम कुरवांसा में समस्त ग्रामवासीयो द्वारा आयोजित दिव्य श्रीमद्भागवत कथा महापुराण के तृतीय दिवस में श्रीधाम वृंदावन से पधारे भागवताचार्य श्रद्धेय भागवत पुष्प शिवम् कृष्ण शास्त्री  (चन्देरी वाले) महाराज के श्रीमुख से प्रभु कथा का रसपान करने हेतु बड़ी संख्या में प्रभु कथा प्रेमियों की उपस्थिति रही। 

भक्त ध्रुव चरित्र, भक्त प्रह्लाद चरित्र एवं वामन भगवान चरित्र आज की कथा के मुख्य प्रसंग रहे।  आज की कथा क्रम में महाराज श्री ने बताया कि "भक्ति और भक्त की परीक्षा प्रतिकूलताओं में ही होती है। अनुकूलता में तो सभी मुस्कुराते हैं मगर प्रतिकूलता में भी जिसका आत्मबल न डिगे, जिसके चेहरे की मुस्कुराहट बनी रहे, निश्चित समझना वह कोई ध्रुव, कोई प्रह्लाद ही है। 

वामन भगवान चरित्र में महाराज श्री ने बताया कि हम संपत्ति के होल्डर हैं मालिक नहीं। प्रभु कृपा से ही संपत्ति प्राप्त होती है और जब कभी प्रभु कृपा से अवसर प्राप्त हो तो अपनी संपत्ति को प्रभु का प्रसाद जानकर यथा संभव परमार्थ के कार्यों में अवश्य विसर्जन करना चाहिए।"आचार्य ---सन्दीप शास्त्री जी वेद मंत्रों द्वारा भी भक्तों ने आनंद लिया!!