नगर पालिका परिषद का बाबू व डूडा विभाग बिना दक्षिणा लिए नहीं करता है कोई काम
पात्र खा रहे दर- दर की ठोकरें, अपात्रों के खातों में गिर रहीं दे दनादन किस्तें
देवेंद्र साहू
ललितपुर, उत्तर प्रदेश [जनकल्याण मेल]
नगर पालिका परिषद की लापरवाही के चलते डूडा विभाग द्वारा भेजी गई प्रधानमंत्री आवास की सूची अधर में लटकी हुई है। डूडा विभाग से आवासों की सूची भेजें करीब एक साल होने को है, लेकिन नगर पालिका द्वारा उन सूचियों का अभी तक सत्यापन नहीं कराया गया है। वहीं नगर पालिका में सत्यापन को आयी सूचियों के नाम पर रुपए ऐंठने का दस्तूर जारी है। रुपये देने के बाद भी लिस्ट अधर में अटकी हुई है। नपा में बैठे भ्रष्ट बाबू पात्र हो या अपात्र सभी से मोटी रकम वसूलता है। पात्र व्यक्तियों का कहना है कि नगर पालिका जाते जाते उनकी चप्पलें घिस गयी, लेकिन तथाकथित बाबू की कारगुजारी जारी है। इतना ही नहीं डूडा विभाग जानबूझकर अनजान बना बैठा है। अगर नपा से सूची पास होती है तो डूडा विभाग में तैनात सर्वेयर और नियुक्त दलाल आवास जल्दी पास कराने के नाम पर हजारों में रुपए वसूलते हैं। लाभार्थियों की मानें तो पंद्रह से तीस हजार रुपए उन्हें डूडा विभाग को देने पड़ते हैं। हर किस्त पर जियो टेगिंग के एवज में सर्वेयर अलग अलग रूपये लेते हैं। यदि रूपया नहीं दिया तो काम नहीं होता है। भ्रष्टाचार का पर्याय बने डूडा विभाग में सभी कर्मचारियों को खुली छूट दी गयी है। रुपयों के चक्कर में कर्मचारी लाभार्थियों की बेइज्जती करने से भी गुरेज नहीं करते हैं। बताते चलें कि नगरपालिका प्रशासन एवं डूडा विभाग केंद्र एवं राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगाने में तुले हुए हैं। अब बात करें पात्र और अपात्रों की तो, जो पात्रता की लाइन में खड़े है, वह आवास के लिए दर- दर की ठोकरें आज भी खा रहे हैं। तो वहीं अपात्र रुपए खर्च कर अपना काम बना लें जाते हैं। अधिकारियों को भी कमाऊ पूत प्यारा लगता है। जिस कारण डूडा विभाग व नगर पालिका में जमकर लूट मची हुई है। जिनके आवास पहले से ही बने हुए हैं, उनके खातों में दे दनादन किस्तें पहुंच रही हैं। और जो किराए से या कच्चे मकान में निवासरत है, उनका काम जानबूझकर लटका दिया जाता है, कारण उनका जुर्म इतना है कि विभाग को देने के लिए उनके पास रुपए नहीं है। जनहित में डूडा विभाग सहित नगरपालिका की कार्यशैली की सही ढंग से यदि जांच कराई जाए, तो इनकी कारगुजारियों की कलई दर परत खुलती जाएगी। डूडा विभाग में कार्यरत अनेकों कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्होंने एक दो साल में कई गुना सम्पत्ति अर्जित कर ली है।