सैद्धांतिक रूप से घोषित राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे) को सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा अधिसूचित एवं विकसित किए जाने की मांग

 


मजीद खान पठान 

चंदेरी [जनकल्याण मेल] यूं तो मध्यप्रदेश में एक नहीं कई राज्य मार्ग स्थित हैं लेकिन हम यहां बात कर रहे हैं राज्य मार्ग क्रमांक 54  (मध्य प्रदेश/राजस्थान बॉर्डर से पारोन फतेहगढ़ गुना अशोकनगर) इसी प्रकार राज्यमार्ग क्रमांक 54ए (पिपरौद चंदेरी एमपी/यूपी बॉर्डर राजघाट डैम तक) एवं राज्य मार्ग क्रमांक 54बी (एमपी/यूपी बॉर्डर से टीकमगढ़ गुलगंज) की। वर्तमान में उक्त राज्य मार्गों का रख-रखाव, संरक्षण आदि का जिम्मा मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम निर्वहन कर रहा है। 



मध्य प्रदेश के विभिन्न राज्य मार्गों को सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा सैद्धांतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग यानी नेशनल हाईवे (अधिसूचित नहीं) घोषित किया गया है। जिसमें राज्य मार्ग क्रमांक 54 राज्य मार्ग क्रमांक 54ए एवं राज्य मार्ग क्रमांक 54बी भी शामिल है

उल्लेखनीय है कि उक्त राज्य मार्गों के सैद्धांतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के पूर्व केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी एवं मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के अधिकारियों द्वारा संयुक्त सर्वेक्षण आदि कार्य संपादित, आवश्यक शासकीय प्रक्रियाओं का पालन उपरांत आगामी कार्यवाही अंतर्गत लोक निर्माण विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल द्वारा मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) भोपाल दिनांक 15 सितंबर 2017 में इस आशय का प्रकाशन किया गया कि उक्त राज्य मार्गों को सैद्धांतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है (अधिसूचित नहीं)।

यानी केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा उक्त राजमार्गों को सैद्धांतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे) मान्य कर लिया है। किंतु अधिसूचित नहीं किए जाने के कारण उक्त राज्य मार्ग अभी भी राज्य मार्ग (स्टेट हाईवे) की श्रेणी में दर्ज होकर मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा संधारित किए जा रहे हैं।

देखें जैसे ही उक्त राज्य मार्गों को केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा अधिसूचित किया जावेगा। वैसे ही उक्त राज्य मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा एवं राष्ट्रीय राजमार्ग का नंबर प्राप्त कर केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा संधारित किया जाने लगेगा।

याद रखना जरूरी यह है कि सैद्धांतिक रूप से घोषित उक्त नेशनल हाईवे राजस्थान को सलाम करते हुए बॉर्डर पारोन से फतेहगढ़ होते हुए गुना से गुजरते राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 46 से संबंध स्थापित करते हुए अशोकनगर आगे चंदेरी से गुजरते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 346 से मेल मिलाप करते हुए ललितपुर (उत्तर प्रदेश) से गुजरते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 44 से हाथ से हाथ मिलाते हुए टीकमगढ़ आगे गुलगंज (छतरपुर) से गुजरते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 86 (सागर छतरपुर खंड) से खुशी-खुशी गले मिलेगा।

इस नेशनल हाईवे की यह एक विशेषता कही जावेगी कि यह एक ओर बारां कोटा (राजस्थान) से गुजरते राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 27 (जिसे भारत में पूर्व-पश्चिम कॉरीडोर के रूप में पहचाना जाता है) से जुड़ जावेगा। वहीं दूसरी ओर ललितपुर (उत्तर प्रदेश) से गुजरते राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 44 (जिसे भारत का उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर भी कहा जाता है) से जुड़ जावेगा। 

उक्त नेशनल हाईवे के अस्तित्व में आ जाने से एक और तीन प्रदेश क्रमशः राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश वहीं दूसरी ओर बारां कोटा गुना अशोकनगर ललितपुर टीकमगढ़ छतरपुर आदि जिला सीधे-सीधे आपस में जुड़ जावेगे। वहीं दूसरी ओर  ऐतिहासिक एवं पर्यटन नगर चंदेरी नेशनल हाईवे के चौराहे पर आ जाने के कारण भारत में चारों दिशाओं से जुड़ जावेगा।

फायदा यह होगा कि इस संपूर्ण क्षेत्र में विकास एवं निवेश की संभावनाएं निर्मित होगी। आवागमन सरल और सुलभ होगा। चंदेरी एवं क्षेत्रीय पर्यटन सहित चंदेरी साड़ी व्यापार में आशातीत वृद्धि होगी। आर्थिक उन्नति के बंद दरवाजे खुलेंगे साथ ही नवीन रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे वगैरह-वगैरह। उक्त नेशनल हाईवे अंतर्गत चंदेरी वायपास भी निर्मित होगा जिससे फतेहाबाद चंदेरी नगर में यातायात का दबाव कम होगा ।

कहा गया है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है मध्यकालीन चंदेरी को देखें तो जानकारी मिलती है कि मध्य काल में भारत का प्रमुख व्यापारिक मार्ग चंदेरी से ही गुजरता था। सब कुछ मिलाजुला कर कहना यह है कि नगर, प्रदेश एवं देश हित में केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा ऊपर वर्णित राज्य मार्गों को जल्द से जल्द अधिसूचित करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा एवं नंबर आवंटित उपरांत विकसित करने की दिशा में कार्यवाही करना अपेक्षित है।

इन्हीं सब तथ्यों का उल्लेख करते हुए एक आवेदन केंद्रीय नागर विमानन मंत्री श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रेषित कर इस दिशा में उचित कार्यवाही करने का निवेदन किया गया है।