सॉफ्टवेयर इंजीनियर को मिला 5 लाख से भरा बैग

कलेक्टोरेट पहुंचकर किराना व्यवसाई को लौटाया



गुना [जनकल्याण मेल] शहर के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है। उन्होंने सड़क पर मिला लगभग 5 लाख रुपए से भरा बैग असली मालिक तक पहुंचाया। सॉफ्टवेयर इंजीनियर विशाल रावत सोमवार सुबह फल खरीदने गए हुए थे, तभी शास्त्री पुल पर उन्हें एक बैग मिला। उन्होंने आस-पास पूछा, लेकिन कुछ पता नहीं चला। वह बैग लेकर घर पहुंचे और वहां से अपने पिता और मित्रों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंच गए। इसी दौरान बैग के असली मालिक भी कलेक्ट्रेट पहुंच गए। वहां उन्हें बैग लौटा दिया गया। अपना बैग पाकर व्यापारी काफी खुश हुए और युवक को धन्यवाद दिया।

गुना के रहने वाले मनोज कुमार रावत के बेटे विशाल रावत सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वह मुंबई में काम करते हैं। पिछले कुछ वर्षों से उनका वर्क फ्रॉम होम चल रहा है। इसलिए वह गुना में रहकर ही काम कर रहे हैं। सोमवार सुबह लगभग 11 बजे वह फल खरीदने पुरानी गल्ला मंडी गए हुए थे। वहां से आते समय शास्त्री पुल पर उन्हें एक बैग पड़ा हुआ मिला। उन्होंने उसे उठाया और खोलकर देखा तो उसमें नोटों की गड्डियां भरी हुईं थी। पहले तो वह काफी घबरा गए लेकिन फिर बैग के बारे में आस-पास पूछा, लेकिन कुछ पता नहीं चला।

वह बैग को लेकर घर आ गए और अपने पिता को सारी बात बताई। उनके पिता ने अपने मित्रों को कॉल किया और यह तय किया कि बैग कलेक्टर को सौंप दिया जाए। वह सभी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। इस दौरान जिनका बैग खोया था वह कोतवाली पहुंचे और सारी बात बताई। वहां सीसीटीव्ही चेक किये गए तो उन्हें बैग की जानकारी मिली। एक संयुक्त मित्र के जरिए उनकी विशाल रावत के पिता से बात हो गयी। वह भी कलेक्ट्रेट पहुंच गए। वहां उन्हें अपना बैग वापस मिल गया। किराना व्यवसाई गिर्राज ने बताया कि वह घर से पैसे लेकर बैंक में जमा करने जा रहे थे। शास्त्री पुल पर काफी ट्रैफिक था। इसी दौरान उनका बैग गिर गया। उन्हें पता ही नहीं चला। जब आगे जाकर देखा तो बैग गायब था। उन्होंने आस-पास तलाश किया, लेकिन बैग नहीं मिला। वह सीधे कोतवाली पहुंचे और सारा माजरा बताया। सीसीटीव्ही के जरिए उन्हें बैग के बारे में मालूम चल गया। उपन बैग वापस पाकर उन्होंने राहत की सांस ली। बैग में 4.85 लाख रुपये थे। गिर्राज ने विशाल रावत का धन्यवाद ज्ञापित किया।