टीकमगढ़ कोतवाली थाना प्रभारी ने की पत्रकार से बदसलूकी

पत्रकार संघ ने ज्ञापन सौंपकर की कार्रवाई की मांग... 



प्रदीप खरे 

टीकमगढ़ [जनकल्याण मेल]

पुलिस द्वारा पत्रकारों के साथ बदसलूकी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। बुधवार को जिले के वरिष्ठ पत्रकार अनिल रावत के साथ कोतवाली थाना प्रभारी के साथ ही अन्य पुलिसकर्मियों ने बदसलकूली कर उनका मोबाइल छीन लिया और अभद्रता की। घटना के बाद जिले के तमाम पत्रकारों ने इस घटना का विरोध कर एसपी, कलेक्टर के साथ ही आइजी के नाम ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।

बुधवार को वरिष्ठ पत्रकार अनिल रावत कोतवाली में एक शिकायती आवेदन देने गए थे। यहां पर कोतवाली थाना प्रभारी प्रीति भार्गव अपने चैंबर में किसी मामले में दो पक्षकारों से बात कर रही थी। ऐसे में अनिल रावत बाहर बैठकर मामला निपटने का इंतजार करते रहे। लगभग 20 मिनिट बाद जब पक्षकार बाहर निकलते तो पत्रकार अनिल रावत थाना प्रभारी के चैंबर के बाहर पहुंचे। यहां पर उन्होंने थाना प्रभारी भार्गव से आवेदन देने की बात कहीं तो उन्होंने बड़ी ही बेरूखी से बाहर बैठने को कहा। पत्रकार ने अपना परिचय देते हुए कहा कि मैडम आप थोड़ा सम्मानजनक तरीके से बात करें तो वह बिफर पड़ी। वहीं थाने के आरक्षक भी  वहां आ गए। ऐसे में पत्रकार रावत ने एसपी को फोन लगाना चाहा तो प्रीतिभ्भार्गव ने उनका फोन छीनकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया तथा अन्य पुलिसकर्मी भी अभद्रता करने लगे। इसकी सूचना जैसे ही अन्य पत्रकारों को लगी सभी कोतवाली पुलिस। वहीं एएसपी एमएल चौरसिया एवं एसडीओपी कृष्णपाल सिंह भी कोतवाली पहुंचे। ऐसे में खुद को फंसता देखकर थाना प्रभारी उलटा पत्रकार पर ही गाली-गलौज करने का आरोप लगाने लगी। जबकि पत्रकार रावत का कहना था कि सीसीटीवी फुटेज की जांच कर पूरी घटना का अभी खुलासा किया जाए। 

सौंपा ज्ञापन 

घटना की जानकारी लगते ही तमाम पत्रकार मौके पर पहुंचे तो यहां पर प्रीति भार्गव कुछ अन्य लोगों से भी उलझती दिखी। वहीं पत्रकारों ने इस घटना का विरोध करते हुए एसपी के नाम एएसपी  चौरसिया को ज्ञापन सौंपा है। इसमें 24 घंटे के अंदर दोषी थाना प्रभारी एवं आरक्षकों को निलंबित करने की मांग की है। वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र अध्वर्यु ने इसे पुलिस की गंभीर लापरवाही बताया है। साथ ही यशोवद्र्धन नायक एवं विष्णु श्रीवास्तव  ने घटना के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। इसके साथ ही तमाम पत्रकारों ने इसका विरोध कर कार्रवाई न होने पर पुलिस प्रशासन का बहिष्कार करने की बात कही है।