जगह - जगह हुआ भव्य स्वागत
गुना [जनकल्याण मेल] पानीपत में 1761 में मराठा और आब्दाली के बीच हुए महायुद्ध के वीरों की गौरव गाथा को लोगों तक पहुंचाने के लिए शुरू की गई यात्रा रविवार को गुना पहुंची। जहां इस यात्रा का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता, हिंदू जागरण मंच, विहिप व शिक्षक संघ के कार्यकर्ताओं ने जगह- जगह स्वागत किया। इसके बाद यात्रा का विश्राम महावीरपुरा स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में हुआ। आठ सदस्यीय यह दल हाथ में भगवा और तिरंगा लेकर पानीपत से वापस लौटा है। यात्रा छह जनवरी को पुणे से शुरू की गई, जहां 26 जनवरी को वापस पुणे में ही समापन किया जाएगा।
यात्रा का नेतृत्व कर रहे पूर्ण कालिक कार्यकर्ता डा. संदीप राज महिंद ने इस दौरान सरस्वती शिशु मंदिर में लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने इस पानीपत युद्ध में मराठाओं के शौर्य की गाथा सुनाई। उन्होंने कहा कि इतिहास इस युद्ध में मराठाओं की हार बताता है, लेकिन यह सवा लाख मराठाओं का शौर्य की गाथा थी। जिन्होंने इस युद्ध में अपना पराक्रम दिखाया। इसके बाद किसी आक्रांता इस दिशा से आने की हिम्मत नहीं दिखाई। इस युद्ध को कई मायनों में जीत भी कहा जा सकता है कि न तो अब्बदाली राज गद्दी पर बैठ सका और न किसी अपने चहेतों को बैठा सका। इस युद्ध को 250 वां वर्ष है। जिस पर यह गौरव गाथा को लोगों तक पहुंचाने के लिए यात्रा शुरू की गई। जहां इस यात्रा का समापन 26 जनवरी को पुणे में किया जाएगा। इस दौरान यात्रा में आठ सदस्यीय बाइकों का दल था।