31 दिसंबर तक मुनिसंघ के गुना जिले की धरती पर 8 वर्षों बाद चरण पड़ेंगे।
गुना [जनकल्याण मेल] श्रेष्ठिश्री पाड़ाशाह द्वारा निर्मित लगभग 900 वर्ष से अधिक प्राचीन गुना जिले के जैन तीर्थ बजरंगगढ़ में मुनिश्री सुधासागर महाराज की प्रेरणा से नूतन वर्ष पर 2 दिवसीय वार्षिक पुण्योदय महोत्सव आयोजित होगा।
इस मौके पर 31 दिसम्बर को दोपहर 1 बजे बड़ी संख्या में श्रद्धालु चलो करें हम तीर्थवंदना शोभायात्रा के रूप में गाजे-बाजे एवं झंडे-बैनर के साथ गुना से बजरंगगढ़ की ओर पदयात्रा करेंगे। बजरंगगढ़ कमेटी अध्यक्ष इंजी. एसके जैन, महामंत्री प्रदीप जैन ने बताया कि 31 दिसंबर को रात्रि को कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए महाआरती कार्यक्रम होगा। साथ ही श्री भक्तामर जी का पाठ होगा। इस दौरान वर्ष 2021 के समापन एवं नववर्ष के स्वागत में रात्रि 12 बजे 48 दीपों से मूलनायक भगवान शान्तिनाथजी, कुन्थुनाथजी एवं अरनाथजी की महाआरती की जाएगी।
महामस्तकाभिषेक के साथ होगा नूतन वर्ष का स्वागत
नूतन 2022 का स्वागत भगवान का महामस्तकाभिषेक से होगा। इस मौके पर 1 जनवरी को प्रात: काल बजरंगगढ़ तीर्थ के 16 फुट उत्तंग, मूलनायक भगवान का 1008 कलशों से महामस्तकाभिषेक किया जाएगा।
8 वर्षों बाद गुना आएंगे मुनिश्री सुधा सागरजी महाराज
इधर निर्यापक मुनिश्री सुधासागरजी महाराज का लगभग 8 वर्षों के उपरांत पुन: मध्यप्रदेश की धरती पर मंगल आगमन होगा। कड़कड़ाती ठंक और प्रतिकूल मौसम के बावजूद मुनिश्री वर्ष के अंतिम दिन 31 दिसंबर को बीनागंज स्थित शुभोदय तीर्थ क्षेत्र पहुंचेंगे। राजस्थान के चांदखेड़ी में चातुर्मास उपरांत मुनिश्री का पैदल विहार गत दिवस मप्र के लिए हुआ। गुरुवार को मुनिसंघ बीनागंज से 27 किमी दूर मनोहर थाने पहुंचे। यहां आहारचर्या आदि संपन्न हुई। संभवत: 31 दिसंबर तक मुनिसंघ के गुना जिले की धरती पर 8 वर्षों बाद चरण पड़ेंगे। जिसके चलते गुना एवं अशोकनगर जिलों में को जबरदस्त उत्साह की लहर है। मुनिश्री के साथ गुना गौरव निष्कंप सागरजी महाराज भी दीक्षा उपरांत प्रथम जिले में प्रवेश करेंगे।