श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालुओं को दिया सनातन संस्कृति के पालन का संदेश
अशोकनगर:(जनकल्याण मेल)। संकट मोचन समिति द्वारा मुंगावली के बूढे बालाजी मन्दिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा में अयोध्या धाम से पधारे संत श्री निवास आचार्य महाराज द्वारा कहा गया कि जहां भगवान और आशीर्वाद मिल जाए असली आनंद वहीं है। उन्होंने बताया कि आपके जीवन में सुख दुख का होना सामान्य घटना है। क्योंकि जीवन मे जब तक दुख नही आएंगे तब तक सुख का कोई महत्व ही नहीं होगा। व्यास जी ने कहा कि व्यक्ति मोह के वसीभूत है किसी से भी मोह लगाने से उसके छूठने पर दुख मिलता है। जीवन में जितना ज्यादा भगवान से मन लगाओगे उतना ही जीवन में आनन्द प्राप्त करोगे। उन्होंने बताया कि जो ज्ञान में बड़ा होता है शास्त्र उसी को बड़ा मानते हैं इसलिए अपने अंदर का ज्ञान बढ़ाना चाहिए। आधुनिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कलयुग में पश्चात्त सभ्यता को लोगों ने इतना अपना लिया है जो हमारी सनातन परंपरा में बताया ही नही गया है। और आज अंग्रेज हमारी सनातन परंपरा को अपना रहे हैं और हम पाश्चात्य सभ्यता को अपनाने मैं लगे हैं। लोगों को चाहिए कि हमारे बच्चों को हांथ में मोबाईल न देकर भगवत गीता दें, जिससे कि हमारे संस्कार और संस्कृति इन तक पहुँचे। हमारा सौभाग्य है कि हमे भारत देश में जन्म मिला। यदि आपके कर्म अच्छे हैं और पुण्य कर्म हैं तो आपको स्वर्ग मिलता है। और कर्म बुरे होने पर नरक की प्राप्ति होती है लेकिन इन दो रास्ते से हटकर तीसरा रास्ता है बैकुंठ धाम का जहाँ से कोई लौटकर ही नही आता। और यह तीसरा रास्ता सन्तो के सत्संग से प्राप्त होता है।