बहुमंजिला इमारत में आग लगी हो तो ऊपर की और जाने की बजाय ग्राउंड फ्लोर पर जाएं
आग लगने पर स्वयं के कपड़ो को रस्सी का विकल्प बनाए
गुना [जनकल्याण मेल] जिला चिकित्सालय गुना में दुर्घटनावश आग लगने पर किए जाने वाले बचाव के संबंध में जागरूकता एवं अग्नि शमन यंत्र का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण होमगार्ड एवं एस डी ई आर एफ गुना की टीम द्वारा जिला अस्पताल के वार्डो में अगर किसी कारण से आग लग जाती है तो उनको आग वुझाने का डेमो दिखाकर प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें होमगार्ड जिला सेनानी आर के पथरोल के मार्गदर्शन में प्लाटून कमांडर धर्मेंद्र सिंह भदोरिया द्वारा विस्तार से स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में सीएचएमओ डॉ पुरषोत्तम वुनकर, सिविल सर्जन डॉ विहारीलाल कुशवाह, भाजपा जिला टीकाकरण प्रभारी विकास जैन नखराली, डॉ शिल्पा टाटिया, डॉ विजय सांगरिया, डॉ गौरव तिवारी, डॉ पीएन धाकड़ सहित जिला चिकित्सालय व प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ के साथ साथ सफाई कर्मियों ने प्रशिक्षण में हिस्सा लेकर आग को शुरुवाती दौर में ही आग पर नियंत्रण करने का प्रशिक्षण लिया।
प्रशिक्षण के दौरान प्लाटून कमांडर श्री भदौरिया ने बताया कि अग्नि शमन यंत्र को उपयोग करने से पहले उसका किस प्रकार से निरीक्षण करना है इसकी जानकारी सभी स्वास्थ्य कर्मियों को होना चाहिए। वह यंत्र उपयोग की हालात में है या नही। उसकी जांच करने के उपरांत PASS सिंद्धात से उसका उपयोग करना है।
अग्निशमन यंत्र को किस स्थान पर लगाए इसका ध्यान रखे मुख्यता इसको मुख्य दरवाजे के पास ही लगाएं ध्यान रखे यंत्र को इलेक्ट्रिक बोर्ड के आस पास कभी नही लगाएं क्योंकि संभवता शॉर्टसर्किट से ही आग लगने की संभावना रहती है। बार्ड में कही भी लूज फिटिंग न हो इसका भी ध्यान रखे। प्रशिक्षण के दौरान बताया कि आग लगने के लिए तीन कारक ईंधन, हवा एवं गर्मी हैं। आग बुझाने के लिए मुख्य तौर पर बाजार में तीन प्रकार के अग्नि शामक यंत्र उपलब्ध है। तेल, गैस और बिजली से लगने वाली आग को बुझाने के लिए फैन अग्नि शामक, गैस अग्नि शामक एवं शुष्क केमिकल पाउडर वाले अग्नि शामक उपयोग में लाए जाते हैं। अग्नि शामक यंत्रों की प्रत्येक दो वर्ष पर जांच करना चाहिए। एलपीजी गैस सिलेंडर की एक्सपायरी अवधि को एक विशेष कोड द्वारा लिखा जाता है। जैसे ए-21, वर्ष का प्रथम त्रैमास, बी-21, वर्ष का द्वितीय त्रैमास, सी-21, वर्ष का तृतीय त्रैमास तथा डी-21, वर्ष का अंतिम त्रैमास। इस अवधि के बाद के सिलेंडर को वापिस कर देना चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि आग लगने पर घबराए नही धैर्य से रहे। स्वयं पर नियंत्रण रखें ओर ऊपर जाने की बजाय हमको आग से बचने सदैव नीचे की ओर ग्राउंड फ्लोर की ओर ही जाना चाहिए। जल्दवाजी के चक्कर मे लिफ्ट का उपयोग कभी नही करें सदैव सीढ़िया से ही नीचे उतरे। क्योंकि आग सदैव ऊपर की ओर जाती है। फ्लोर पर अगर आग लगी है तो हम धैर्य रखते हुए पर्दे, बेड शीट,चादर या अपने स्वयं के कपड़ों को रस्सी का विकल्प बनाते हुए खिड़की या छत से नीचे आ सकते है।