किसान ने दी धमकी, मुझे न्याय नहीं मिला तो जहर खाकर आत्महत्या कर लूंगा
प्रदीप खरे
टीकमगढ़ [जनकल्याण मेल] सरकार किसानों के हितों में लाख फरमान जारी करे, लेकिन अधिकारी है कि किसानों पर तरस खाने का नाम नहीं ले रहे हैं। अधिकारियों की अजब-गजब कार्यशैली कब कहां क्या रंग खिलादे, कुछ कहा नहीं जा सकता। अब हाल ही में ग्राम चौबारा के एक किसान के साथ जो मामला सामने आया है, उसने तो सभी को चौका दिया है। अब तक मनमाने तरीके से उन्हीं लोगों के बिल आया करते थे, जिनके यहां लाईट कनेक् शन हुआ करते थे। लेकिन अब तो कमाल यह हो गया कि जिस किसान के यहां बिजली ही नहीं है, उसे भी थोड़ा बहुत नहीं बल्कि एक लाख से अधिक राशि का बिल ही नहीं थमाया, बल्कि उसके यहां कुर्की की भी तैयारी कर ली है। अब वह किसान आत्म हत्या करने तक की धमकी देने लगा है। मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड खरगापुर कार्यालय में वर्ष 2003 से कई आये तो कईयों के तबादले हुए । लेकिन यहां कनिष्ठ यंत्री अमित भूषण चौधरी की विवादित कार्यप्रणाली आये दिन तुगलकी फरमानों से किसान के साथ-साथ घरेलू उपभोक्ता की परेशानी को देखते हुए साहब वाहवाही की सुर्खियों बटोरने में छाए रहते है । दरअसल मामला यह है तहसील खरगापुर क्षेत्र अंतर्गत चौबारा गावँ के किसान दरूआ कुशवाहा ने बताया कि वर्ष 2003 में सूखा की स्थिति के कारण कुए में पत्थर निकलने, पानी न होने कारण विद्युत कनेक्शन 3 एचपी कटवाया गया था। उस समय मैंने नियमानुसार आवेदन के साथ शपथ पत्र देकर विद्युत मंडल खरगापुर से ओआईसी साहब ने दिनांक 27 मार्च 03 को प्रमाण पत्र मिला था । गौरतलब यह है कि मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड खरगापुर में वर्ष 2003 से अभी तक के कार्यकाल में किसी भी कनिष्ठ यंत्री ने बसूली का नोटिस तक नही मिला है लेकिन यहां पदस्थ कनिष्ठ यंत्री अमित कुमार भूषण चौहान ने गरीब किसान को फर्जी सर्विस क्रमांक 894 9205597 बताकर दो बार नोटिस भेजे गए हैं। 17 साल निकल जाने के बाद बिना कनेक्शन के दिनांक 16 जनवरी 2021 को बिल की राशि 1 लाख 14 हजार 613 रुपये का कुर्की नोटिस थमाया दिया। ग्रामीण दरुआ कुशवाहा ने बताया कि मेरे पास डेढ एकड़ भूमि है। मैने 2003 में कनेक्शन कटवाया लिया और जिसकी मेरे पास पावती है। ओआईसी ने दो बार कुर्की के नोटिस भेजे हैं। अगर मुझे न्याय नहीं मिला, तो जहर खाकर मर जाऊंगा या आत्महत्या कर लूंगा। मुझे अभी तक कोई बिल नहीं दिया । किसान विरोधी अधिकारियों को राज्य सरकार को चाहिए कि सख्त से सख्त कार्रवाई करें, जिससे लापरवाह अधिकारी से किसानों को परेशानी न हो। कहीं येसा न हो कि कार्रवाई करने में बिजली विभाग के आला अधिकारी इतनी देर कर दें, कि किसान के परिवार में मातम छा जाए। प्रशासन को चाहिये कि वह किसान को न्याय दिलाने में कोताही न करे।
क्या कहते है जिम्मेदार अधिकारी-
अगर पैसा बकाया है तो हम प्रयास करेंगे । अगर ऐसी कोई समस्या है तो वितरण केंद्र जाकर आवेदन दें, मैं उसकी जांच करवा लूंगा।
एम के सोनी
मुख्य कार्यपालन अभियंता, जिला टीकमगढ़