आपका आभार सिंधिया-धन्यवाद सिंधिया
[जनकल्याण मेल चंदेरी]
बैजू बावरा के आंगन चंदेरी में या यूं कहें बैजू बावरा की कर्म स्थली राज महल-राज दरबार (जिसे आज राजा रानी महल के रूप में पहचाना जाता है) जहां कभी सोलहवीं सदी में लोक गायक बैजू बावरा बैठ कर अपना गायन वादन प्रस्तुत किया करता था। यह वही राजमहल-राजदरबार है जहां से बैजू बावरा ने सार्वजनिक संगीत क्षेत्र में कदम रखा।
जैसा कि कहा जाता है *समय बड़ा बलवान* देखें आज उन्हीं दरो-दीवार के मध्य निर्मित रंगमंच पर 13- 14 मार्च 2021 ईस्वी को संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश शासन की ओर से उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी भोपाल द्वारा बैजू बावरा समारोह का गरिमामय आयोजन संपन्न हुआ।
जिसमें देश के नामचीन, ख्यातिप्राप्त एक नहीं अनेक स्वर साधकों द्वारा मनमोहक सराहनीय प्रस्तुतियां देकर उपस्थित आमजन की खूब वाहवाही हासिल कर बैजू बावरा की माटी के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट कर अपने आप को धन्य समझा। दो दिवसीय कार्यक्रम यूं तो दोनों दिन गायन, वादन, नृत्य को समर्पित रहा फिर भी समारोह को और अधिक खूबसूरती देने की संभावनाएं उपस्थिति दर्ज कराते हुए आगामी समय में सुधार का खुला संकेत देती रही।
प्रश्न यह महत्वपूर्ण नहीं है कि समारोह को और कैसे भव्यता प्रदान की जा सकती थी क्योंकि सुधार की गुंजाइश हमेशा खुली रहती है। सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह है कि समारोह नगर में संपन्न हुआ एक बात, दूसरी बात बरसों से उपेक्षित भूले बिसरे क्षेत्रीय लोक संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते लोक गायक बैजू बावरा के साथ न्याय प्राप्त करने के लिए बंद रास्ता खुला। याद रखना होगा कि अभी भी बैजू बावरा संपूर्ण रूप से सम्मान प्राप्त करने को तरस रहा है जिसका वह सौ फीसदी हकदार हैं। तीसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि चंदेरी पर्यटन को लाभ के साथ बढ़ावा मिलना।
यदि किसी भी पर्यटन स्थल पर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देना है तो खुले रुप में उस पर्यटन स्थल पर उसकी छुपी हुई खूबियों को अनिवार्य रूप से प्रचारित प्रसारित करना ही होगा। इससे दो फायदे होते हैं एक तो उस छुपी हुई विरासत के सामने आने से नगर की पहचान कायम होती है, दूसरे पर्यटन स्थल का स्व:मेव प्रचार प्रसार हो जाता है। जिस कारण पर्यटक आकृष्ट होकर उस पर्यटन स्थल की ओर रुख करते हैं।
उन्हीं खूबियों में से एक है लोक सांस्कृतिक विरासत का अनमोल मोती बैजू बावरा जो बर्षो से स्वयं के नाम से चंदेरी की पहचान कराने के लिए संघर्षरत था। जिसमें उसे आंशिक सफलता प्राप्त हुई, आगे संपूर्ण सफलता प्राप्त करने की आस जागी है।
जहां तक चंदेरी पर्यटन को लाभ का प्रश्न है तो बैजू बावरा समारोह के कारण बैजू बावरा के साथ साथ चंदेरी का नाम भी सब दूर गया। क्योंकि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया ने बैजू बावरा का दिल से साथ देते हुए बात को आगे बढ़ाया जिस कारण बैजू बावरा के साथ-साथ चंदेरी ने भी खूब सुर्खियां बटोरी।
बैजू बावरा समारोह का सीधा प्रसारण लाभदायक रहा। समारोह उद्घाटन सत्र में शामिल हुए मध्य प्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग राज्य मंत्री श्री बृजेंद्र सिंह यादव द्वारा उक्त आयोजन प्रतिवर्ष चंदेरी में ही कराए जाने की बात कहना चंदेरी पर्यटन के लिए शुभ संकेत रहे जिसके दूरगामी परिणाम भविष्य में परिलक्षित एवं फलीभूत साबित होंगे।
अतएव दिल की गहराइयों से आभार एवं धन्यवाद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्य सभा सांसद के प्रति जिन्होंने कला संगीत विरासत पर्यटन प्रेमियों द्वारा की गई मांग एवं भावनाओं की कद्र करते हुए उक्त समारोह चंदेरी में आयोजित किए जाने की दिशा में सार्थक प्रभावी पहल को अपनाया जिस कारण उक्त समारोह चंदेरी में ही आयोजित होना संभव हुआ।
आभार एवं धन्यवाद सुश्री उषा ठाकुर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री मध्य प्रदेश शासन के प्रति जिन्होंने श्रीमंत सिंधिया जी के चंदेरी पर्यटन हितार्थ तर्क पूर्ण आग्रह को स्वीकार कर उक्त समारोह चंदेरी में ही आयोजित करने की दिशा में सफल कार्यवाही की फलस्वरूप बैजू बावरा समारोह आयोजन चंदेरी में ही संपन्न हुआ एवं चंदेरी पर्यटन को नई गति एवं दिशा प्राप्त हुई।
उम्मीद रखते हैं कि भविष्य में भी उक्त समारोह चंदेरी में ही निरंतर प्रतिवर्ष आयोजित होकर चंदेरी पर्यटन में मददगार की भूमिका का निर्वहन करेगा।