सागर [जनकल्याण मेल]
सुप्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रो महेशदत्त मिश्र के जन्मदिन पर 20 फरवरी को आयोजित व्याख्यान माला के 11वें पुष्प के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथी श्री भगवानदास सबनानी, भारतीय जनता पार्टी के महासचिव, मध्य प्रदेश शासन के कृषि मंत्री कमल पटेल, विशेष अतिथी नपा अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन और गुजरात विद्यापीठ के गांधी शांति एवं संशोधन केंद्र में प्रोफेसर डॉ सुरेंद्र पाठक उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं एकलव्य विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डा. सुधा मलैया ने की।
इस अवसर पर 'लोकतंत्र मे अधिकारों की मर्यादा' विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री भगवान दास सबनानी ने कहा कि अधिकारों का आकर्षण कर्तव्यों की मर्यादा का जब उल्लंघन करता है है तो स्थिति बिगड़ने लगती है हमारा दायित्व है कि संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का हम भरपूर उपयोग करें, पर कर्तव्यों का महत्वपूर्ण दायित्व निभाने का भी प्रयास करें। कर्तव्यों भुलाकर अधिकार की बात करना लोकतंत्र में उचित नहीं कहा जा सकता।
कृषि मंत्री, मध्यप्रदेश शासन श्री कमल पटेल ने इस अवसर पर कहा कि वर्तमान मे राममंदिर का निर्माण नहीं हो रहा है, राष्ट्रमंदिर का निर्माण हो रहा है,राम हमारी आस्था और श्रद्धा के केन्द्र हैं। हम भारतीयों को अब राष्ट्र के लिए पुरुषार्थ और स्वाभिमान से जीना होगा ताकि स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर चुके सेनानियों का बलिदान व्यर्थ न जाये।
समारोह की अध्यक्षता कर रही डा. सुधा मलैया ने ऐतिहासिक साक्ष्यों को दिखाते हुए राममंदिर की ऐतिहासिक और पुरातात्विक प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कितनी हैरत की बात है कि राम के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा किया जा रहा है। भारत की स्वतंत्रता के बाद नई पीढ़ी सही इतिहास ही नहीं पढाया गया। हम अपनी जड़ों से जुड़ें और अपने गौरवशाली इतिहास को भी समझें। इस अवसर पर गुजरात विद्यापीठ अहमदाबाद से पधारे प्रोफेसर सुरेंद्र पाठक ने मूल्य शिक्षा के महत्त्व को रेखांकित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में व्यवहार शिक्षा और व्यवसाय शिक्षा को अहमियत दी गई है जिसकी बात महात्मा गांधी ने भी बुनियादी शिक्षा में की थी। महात्मा गांधी का हिंद स्वराज और बुनियादी शिक्षा आज भी प्रासंगिक और शिक्षा और व्यवस्था की विकल्प हैं
कार्यक्रम का संचालन ज्ञानेश चौबे ने किया और आभार सुदीप मिश्रा ने माना। ट्रस्ट प्रतिवेदन दिलीप मिश्रा ने प्रस्तुत किया