भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाला ऐतिहासिक बजट- हिमाद्री सिंह




जनजातीय समाज, किसानों के साथ सभी वर्गों का रखा गया ध्यान

अनूपपुर [जनकल्याण मेल] प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना संकट से निपटते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी वर्गों को ध्यान में रख कर देश को आगे बढाने वाला बजट प्रस्तुत किया है। सोमवार , 1 फरवरी को संसद में वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट को आत्मनिर्भर भारत का मजबूत कदम बतलाते हुए शहडोल सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह ने उपरोक्त विचार व्यक्त किये। 

भाजपा नेता मनोज द्विवेदी से प्राप्त जानकारी के अनुसार सांसद श्रीमती सिंह ने दूरभाष पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बजट में जनजातीय समाज के कल्याण के लिये 750 एकलव्य आवासीय विद्यालय खोला जाना जनजातीय समाज की शिक्षा के लिये सरकार का क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने आम बजट को आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करने वाला ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि सरकार ने एम एस पी में वृद्धि करके तथा मंडियों को अधिक सक्षम बना कर किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा है। लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का बजट भाषण पूरा होते ही मध्य प्रदेश की शहडोल सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस बजट से शहरों और गांवों का फर्क मिट जाएगा। गांवों में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य की सेवाओं का विस्तार होगा, इसके लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान किया गया है। गांव में किसानों को भंडारण सुविधा और उद्योग लगाने के लिए सब्सिडी के साथ लोन दिया जाएगा । इससे गांव के युवाओं को नौकरी के लिए शहरों में नहीं भटकना पड़ेगा। वह गांव में ही प्रधानमंत्री आवास योजना के पक्के मकानों में रहकर अपने गांव के उद्योगों में ही काम कर सकेगा। गांव में अधोसंरचना विकास के लिए बजट में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि का प्रावधान किया गया है। श्रीमती सिंह ने कहा कि कोरोना तथा सीमाओं में तनाव के बीच प्रस्तुत बजट से गांव के लोगों की तकदीर बदलेगी। किसान खेती के साथ उद्योग लगा सकेगा और व्यापार कर सकेगा और अपनी उपज को प्रोसेस कर एसआरपी पर बेच सकेगा । उन्होंने कहा कि इसके साथ एमएसपी भी जारी रहेगी और नयी मंडियां खोली जाएंगी। बजट में 3 हजार नयी ई -- मंडी की स्थापना का प्रावधान किया गया है। पेट्रोलियम पदार्थों पर लग रहे सेस के राजस्व को अब ग्रामीण अधोसंरचना विकास पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने 100 नये सैनिक स्कूल खोले जाने की सराहना की। देश में किसानों और ग्रामीणों को पहली बार आजादी मिलने से उनमें आत्मनिर्भरता आएगी। उन्होंने गांवों के मजदूर , किसानों, जनजातीय समाज की बजट में चिंता करने के लिए प्रधानमंत्री तथा वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया है।