यातायात अमले ने किया था 32वें राष्ट्रीय सुरक्षा माह का आयोजन
मुख्यमंत्री के नाम पत्रकार एकजुट होकर सौंपेंगे ज्ञापन
विपिन गुप्ता
[जनकल्याण मेल - शहडोल] बुधवार को यातायात विभाग के द्वारा मानस भवन में 32वें राष्ट्रीय सुरक्षा माह के समापन पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था, इस दौरान आयोजकों द्वारा पूरे कार्यक्रम को इस तरह का रुप दिया गया कि वह शासकीय कार्यक्रम न होकर किसी विशेष राजनैतिक दल का कार्यक्रम लग रहा था, पत्रकारों को आमंत्रण पत्र देकर आमंत्रित तो किया गया था, लेकिन उनके बैठने की समुचित व आरक्षित व्यवस्था न होने के कारण पत्रकार परेशान होते रहे, कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को पुलिस अधिकारियों द्वारा उठाकर वहां भाजपा के तथाकथित नेताओं को बैठाया गया, यह क्रम शुरू से लेकर लगातार चलता रहा, जिससे पत्रकार एक-एक कर नाराज होते गये और कार्यक्रम का बहिष्कार कर वहां से बाहर चले गये।
बैठक में यह बिन्दु हुये तय
बुधवार की दोपहर 03 बजे के आसपास स्थानीय विश्राम गृह में पत्रकारों के विभिन्न संगठनों तथा स्वतंत्र पत्रकारों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें शहडोल के लगभग प्रमुख समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया से जुड़े पत्रकार एकत्रित हुए, पूर्व में भी पत्रकारों के साथ हुई अभद्रता व प्रशासकीय मनमानी के संदर्भ में पत्रकारों ने अपने विचार रखे, जिसमें आज दोपहर 01 बजे से पहले पुन: विश्राम गृह में एकत्रित होकर मुख्यमंत्री के नाम पर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने पर सहमति बनी।
यह है प्रमुख मांगे
पत्रकारों ने एक स्वर में इस बात पर सहमति जताई कि बुधवार को मानस भवन में आयोजित 32वें राष्ट्रीय सुरक्षा माह के कार्यक्रम में पत्रकारों की उपेक्षा की गई, पत्रकारों की अगुवानी और बैठक की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की गई थी, कार्यक्रम के शुभारंभ में कन्या पूजन के साथ न करके पूरे कार्यक्रम को राजनैतिक दल के इर्दगिर्द जाकर रख दिया गया, यह स्पष्ट दिख रहा था कि अधिकारी राजनैतिक दल के वार्ड से लेकर जिले तक के किसी भी पदाधिकारी की सेवा में कोई कमी न हो, पुलिस अधीक्षक और राज्य के पूर्व मंत्री के समकक्ष पार्टी के थोपे हुए नुमाइंदों को बैठाना और महिला अधिकारी से पार्टी विशेष के सदस्यों को पुष्प दिलवाना जैसी बातें चर्चाओं में रही।
पूर्व के मुद्दे भी उठे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ब्यौहारी आगमन के दौरान जनसंपर्क कार्यालय से कार्यक्रम में जाने के लिये मुहं देखकर पत्रकारों को बुलाया गया, कई प्रमुख समाचार पत्रों और चैनलों के प्रतिनिधियों की उपेक्षा जान-बूझकर की गई, इस संदर्भ में प्रेस क्लब ने कलेक्टर को पूर्व में ज्ञापन भी सौंपा, लेकिन कोई जांच या कार्यवाही सामने नहीं आई, यही नहीं गणतंत्र दिवस के दिन प्रशासन द्वारा कोरोना योद्धाओं का सम्मान किया गया, लेकिन प्रशासन के सम्मान की सूची और घोषणाओं में कहीं भी पूरे कोरोना काल के दौरान अपनी जान पर खेलकर प्रशासनिक अधिकारियों और समाजसेवियों की खबर जिले व प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचाने वाले किसी भी पत्रकार का नाम तक नहीं लिया गया। आज सौंपे जाने वाले ज्ञापन में पत्रकारों ने इन बिन्दुओं को भी शामिल किया है।