भोपाल [जनकल्याण मेल] वर्ष 1971के भारत–पाक युद्ध में भारत की जीत के 50 साल पूरे होने पर “ स्वर्णिम विजय मशाल “ का भोपाल पहुचने पर सुदर्शन चक्र कोर द्वारा भव्य स्वागत किया गया |
“स्वर्णिम विजय मशाल “ को 16 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलाया गया तथा साथ ही वर्ष 1971 भारत –पाक युद्ध में भारत की जीत को याद दिलाती हुई चार “स्वर्णिम विजय मशाल “ को देश की चारों दिशाओं में भेजा गया |
04 जनवरी 2020 को भारत-पाक युद्ध 1971 की विजय के 50 वर्ष पूरे होने पर स्वर्णिम विजय वर्ष हर्षोल्लास के साथ मनाया गया | जीत की एक मशाल भोपाल सेना स्टेशन पर स्वीकार की गयी |
“ स्वर्णिम विजय मशाल “ को वाइस एयर मार्शल आदित्य विक्रम पेटिया एवं GOC 21 कोर ले. जनरल अतुल्य सोलंकी,सेना मैडल द्वारा प्रेरणा स्थल पर ग्रहण किया गया | इस भव्य कार्यक्रम के गव्हा 1971 युद्ध की जीत के 32 दिग्गज रहे | विजय मशाल का स्वागत भोपाल स्टेशन की इन्फेंट्री बटालियन के पाइप बैंड द्वारा प्रस्तुत की गयी मधुर मार्शल धुन के साथ किया गया |
इस भव्य कार्यक्रम को GOC 21 कोर ले. जनरल अतुल्य सोलंकी, सेना मैडल द्वारा संबोधित किया गया, बहादुरों को श्रद्धांजलि दी एवं युद्ध की जीत के दिग्गज के युद्ध में दिए गए उनके बहुमूल्य बलिदान की काफी सराहना की गई |
1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ाद कराने एवं भारत की विजय को चिन्हित करने के उपलक्ष में “विजय दिवस” प्रति वर्ष 16 दिसम्बर को मनाया जाता है |
भारतीय सेना के इतिहास में यह अब तक का सबसे तेज, सबसे छोटे एवं सफल अभियानों में से एक रहा है ! जिसमे भारतीय सेना ने अपने पराक्रम का अद्भुत परिचय देते हुए पाक सेना के 93,000 सैनिकों ने एक साथ आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया.पाक की इस करारी हार के साथ सन 1971 में बांग्लादेश के रूप में एक नए राष्ट्र का जन्म हुआ |