सांची [जनकल्याण मेल] विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को करारी हार का मजा च खाते हुए विजय प्राप्त की थी कि उपचुनाव निपटते ही लगभग दो साल से अधिक समय से लंबित नगर परिषद के चुनाव प्रक्रिया घोषित होते ही सरगर्मी तेज हो गई है इस चुनाव में भाग लेने वाले भाजपा के दावेदार तो अपनी राजनीतिक गोटियां चलना शुरू कर दी है जबकि उपचुनाव में भारी मतों से पराजित होने वाली कांग्रेस की ओर से माहोल बिल्कुल ठंडा बना हुआ है ।
जानकारी के अनुसार विगत दिनों विधानसभा उपचुनाव के चुनाव में भाजपा की ओर से डा, प्रभूराम चौधरी ने चुनाव लडा था जबकि कांग्रेस की ओर से मदनलाल चौधरी ने चुनाव में भाग लिया था तब भाजपा के डॉ प्रभूराम चौधरी ने कांग्रेस के मदनलाल चौधरी को भारी अंतर से पराजित कर जीत हासिल कर ली थी ।यह चुनाव निपटते ही लगभग दो साल से अधिक समय से निर्वाचित परिषद विहीन नगर परिषद के चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होते ही नगर में परिषद चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो चली है भाजपा की ओर से परिषद चुनाव में भाग लेने वाले स्थानीय नेताओं ने अपनी अपनी गोटियां जमाना शुरू कर दी है तथा अपनी अपनी अध्यक्ष व पार्षद पदों को लेकर भाग-दौड़ शुरू कर दी है जबकि कांग्रेस की ओर से उपचुनाव में अपनी भारी पराजय को पचा नहीं सकी है जिस कारण नगर के कांग्रेस हल्के में नगरीय चुनाव को लेकर कहीं कोई सुगबुगाहट सुनाई नहीं दे रही है जिससे कांग्रेस खेमे में सन्नाटा सा पसरा दिखाई दे रहा है तथा न ही नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस की ओर से भाग लेने वालों की सुगबुगाहट ही बढ सकी है इसी के साथ ही कांग्रेस की ओर से अभी तक अध्यक्ष के पद की दौड़ में ही कोई नाम उभरकर सामने आ सका है हालांकि भाजपा में अध्यक्ष पद के दावेदार भी अधिक दिखाई दे रहे हैं वहीं पार्षद पदों के लिए भी भाजपा की ओर से सुगबुगाहट तेज हो गई है जबकि कांग्रेस की ओर से पार्षद पदों के उम्मीदवार भी उभरकर सामने नहीं आ पा रहे हैं जिससे लगने लगा है कि नगरीय चुनाव में कांग्रेस भाजपा को वाक् ओवर देने की स्थिति में आ खड़ी हुई है । हालांकि भाजपा में भी वही लोग राजनीतिक रूप से आगे बढ़ रहे हैं जो डा, चौधरी के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे हालांकि इनमें कुछ भाजपा के पुराने चेहरे भी देखने को मिल रहे हैं जबकि असली भाजपा कार्यकर्ताओं की दूरी आज भी बरकरार है बताया जाता है भाजपा के असली कार्यकर्ता कांग्रेस से शामिल हुए कार्यकर्ताओं को पचा नहीं पा रही है यही कारण है पुराने व नये कार्यकत्र्ताओं में दूरी बनी हुई है यह दूरियां तब देखने में भी आई थी जब नगर से अयोध्या जाते हुए नगर में रोककर रामेश्वर शर्मा का स्वागत किया गया था तब शिव मंदिर चौराहे पर डा, प्रभूराम चौधरी समर्थित कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया तथा कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने हासेस्कूल के सामने तो पुराने भाजपा कार्यकर्ताओं ने विदिशा रोड पर भव्य स्वागत किया गया था । वैसे भी भाजपा कार्यकर्ताओं की पुरानी टीम पूर्व मंत्री डाॅ गौरीशंकर शैजवार की मजबूत टीम मानी जा सकती है जबकि डा चौधरी के साथ कांग्रेस से आई टीम का ही वर्चस्व कायम बना हुआ दिखाई देता है । इस दशा में पुरानी टीम से भी अध्यक्ष व पार्षद पदों के दावेदार उभरकर सामने आ सकते हैं जबकि डा चौधरी के समर्थकों में अध्यक्ष व पार्षद पदों के लगभग नाम तय मानें जा रहे हैं इस दशा में नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा में उम्मीदवारी को लेकर नये पुराने कार्यकर्त्ताओं खींचतान से इंकार नहीं किया जा सकता है जबकि कांग्रेस अपना उपचुनाव की पराजय का ग़म भुला नहीं सकी है जिस कारण नगरीय निकाय चुनाव की चर्चा लगभग शून्य नजर आ रही है जिससे स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है ।