प्रशासन ने बंद की आंखें, वंशिका को मिली खुली छुट
विपिन गुप्ता, शहडोल। जिले में रेत का अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। वंशिका ग्रुप के द्वारा लगातार जिले में वैध की आड़ में अवैध कारोबार किया जा रहा है। एक तरफ जहां प्रशासनिक स्तर से लेकर जनप्रतिनिधियों द्वारा दर्जनों शिकायत की गई और प्रशासनिक अधिकारियों से मामले में संज्ञान लेकर ठोस कार्यवाही के लिये कहा गया। लेकिन जिले का प्रशासनिक अमला अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर सका है। क्यों? यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। जन चर्चा तो यह है कि विभागीय अमले सहित जिला प्रशासन की मौन सहमति से ही खनिज का अवैध खनन एवं परिवहन जिले के लिए अभिशाप बन चुका है।
माफिया तर्ज पर खनन, नियम-कायदों को तिलांजली
हालात यह है कि वंशिका ग्रुप के कर्ताधर्ता माफियाओं की तर्ज पर बेखौफ नियम कायदों को दरकिनार कर न सिर्फ नदियों के प्राकृतिक स्वरुप को नष्ट करने में तुले हुये हैं, बल्कि लाखों करोड़ों के राजस्व का भी नुकसान कर रहे हैं। इतना ही नहीं इनकी करतूतों से जहां पर्यावरण को अपूर्णीय क्षति पहुंच रही है, वहीं दूसरी ओर जलीय जीवों को मौत बांटने का काम भी जारी है। वंशिका की करतूतों को समय-समय पर जिला प्रशासन के समक्ष लाया गया और ध्यानाकर्षण कराते हुए उचित कार्यवाही की मांग भी की गई। लेकिन कार्यवाही तो दूर रही, जिला प्रशासन ने इस मामले में अपनी कोई गंभीरता नहीं दिखाई। यदि यह कहा जाए की वंशिका के सामने जिला प्रशासन नतमस्तक साबित है, तो यह अतिशयोक्ति न होगी!
तंबू लगातार बैठे ग्रामीण, कार्यवाही की मांग
कुछ ऐसी ही तस्वीरें शहडोल जिले के ब्यौहारी ईलाके से सामने आई है। जहां वंशिका ग्रुप के तानाशाही से परेशान ग्रामीण अब इस कपकपाती ठंड में तंबू लगाकर प्रशासनिक कार्यवाही न्याय की गुहार लगा रहे हैं। कहने को तो ब्यौहारी क्षेत्र में वंशिका ग्रुप को पोड़ी में खदान प्रस्तावित है, लेकिन इस खदान की आड़ में ईलाके के आस-पास कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां से इनके द्वारा अवैध रेत उत्खनन न किया जा रहा हो। जानकारी के मुताबिक घियार पंचायत कोटिगढ़ व हिडवाह पंचायत के चकरवाह ईलाके को सोन नदी के तट से बीते कुछ माह में जमकर रेत उत्खनन किया गया है। जानकारों की मानें तो वंशिका ग्रुप द्वारा इन दोनों स्थानों से लगभग डेढ़ लाख घनमीटर रेत निकाला गया है। जिसकी अनुमानित कीमत कोरोड़ो में है। खास तो यह है कि दर्जनों शिकायतों के बाद भी इस क्षेत्र में कोई प्रशासनिक कार्यवाही न हो सकी। जिससे परेशान होकर अब वंशिका के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर, स्थानीय ग्रामीण अनशन का रुख अपनाने को विवश हैं।
नहीं उठाये गए ठोस कदम अब तक
हालांकि इस मामले में प्रशासनिक रूख स्पष्ट तौर पर खनिकर्म और माइनिंग कॉर्पोरेशन की गाइड लाइन का उल्लंघन होते खुली आखों से देखते हुए भी ठोस कदम उठाने में अक्षम नजर आ रहे हैं। वरना किसी की मजाल हो, जो आज अभ्यारण्य सोन घडिय़ाल, संजयगाधी टाइगर रिजर्व, बांधवगढ़ और बटुरा घाट तक बिना दबिश और बिना प्रकरण नश्तीबद्ध किए रेत उत्खनन और परिवहन दर्जन भर थाने से बेखौफ जारी है। लगातार मीडिया पर प्रकाशित खबर, हर दिन वंशिका ग्रुप के लोगों द्वारा तोड़े जा रहे कायदे-कानून की दुहाई दे रहे हैं। जिससे परिलक्षित होता जा रहा है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गोद लिया आदिवासी बाहुल्य इलाके, कि, अस्मत खुलेआम लूट जाए। इसकी छूट प्रदेश की राजधानी से मिली या दिल्ली दरबार का चढ़ावा भारी पड़ रहा है, समझने की जरूरत है।
इनका कहना है
अवैध उत्खनन को रोकने के लिए मेरे द्वारा समय-समय पर दिशा निर्देश दिए गए हैं। तो इस संबंध में, मैं कलेक्टर से बात करूंगा।
नरेश पाल
कमिश्नर, शहडोल।