मामला राष्ट्रीय राजमार्ग की स्ट्रीट लाइट का । रोशन हुई नगरी ।
सांची [जनकल्याण मेल] ऐतिहासिक नगरी की स्ट्रीट लाइट न जलने से नगर अंधेरे की चपेट में आ गया था जिससे नगर पूरी तरह अंधेरे की चपेट में जकड़ा गया था । बौद्ध वार्षिकोत्सव के पूर्व भी स्ट्रीट लाइट न जलने के कारण स्वास्थ्य मंत्री से मांग के पश्चात चालू की गई थी । वार्षिकोत्सव संपन्न होने के साथ ही नगर पुनः अंधेरे की चपेट में जकड़ गया था तब समाचार पत्रों में नगर में अंधेरे की खबर प्रकाशित की गई थी समाचारों की सुर्खियों ने एक बार फिर नगर को रोशन क्या दिया।
जानकारी के अनुसार इस ऐतिहासिक नगरी में लंबे समय से स्ट्रीट लाइट तो तैयार हो गई थी परन्तु प्रशासन की अनदेखी के चलते नगर पूरी तरह अंधेरे की चपेट में जकड़ा हुआ था तब नगर के लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभूराम चौधरी से वार्षिकोत्सव के मध्येनजर स्ट्रीट लाइट चालू होने से नगर जगमगा उठा था परन्तु वार्षिकोत्सव संपन्न होने के साथ ही पुनः नगर की स्ट्रीट लाइट बंद कर देने से अंधेरे की चपेट में जकड़ गया था तब एक बार पुनः नगर अंधेरे की चपेट में आने की समाचार पत्रों में सुर्खियां प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी तब एक बार पुनः प्रशासन की नींद समाचार पत्रों की सुर्खियों ने उड़ाई तथा आनन-फानन में पुनः नगर की स्ट्रीट लाइट चालू हो गई तथा नगर पुनः रोशन हो उठा । हालांकि इस विश्व ऐतिहासिक नगरी की स्ट्रीट लाइट का जिम्मा राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण एजेंसी द्वारा सम्हालने का बताया जाता है जबकि नगर की स्ट्रीट लाइट नगर परिषद को अपने हाथों में ले लेना चाहिए परन्तु नगर परिषद की आर्थिक हालत ठीक न होने से नगर के हालात बद्से बत्तर हो चुके हैं जिस कारण नगर की बागडोर प्रशासनिक अधिकारियों के हाथों में होने से नगर में समस्याओं के अंबार लगे हुए हैं विकास पूरी तरह ठप्प हो चुका है आम जनता की सुनने वाला कोई दिखाई नहीं दे रहा है नगर पूरी तरह गंदगी की चपेट में जकड़ा हुआ है न ही नगर की जनसमस्याओं का ही सरोकार रहा है दिनों दिन हालात बद से बद्तर हो चुके हैं यहां तक कि सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जाता तथा शिकायत कर्ता चक्कर ही काटता रहा जाता है सीएम हेल्पलाइन में समस्या का निराकरण कर मामले बंद करने के भी सामने आ चुके हैं जिससे लोग शासन को कोसने पर मजबूर हो रहे हैं यही कारण है नगर परिषद राष्ट्रीय राजमार्ग की बिजली व्यवस्था हाथों में लेने से बचती बताई जा रही है । ऐसे सीएम हेल्पलाइन के अनेक मामले देखने सुनने को मिल जाते हैं धरातल पर समस्या तो बनी रहती है परन्तु सीएम हेल्पलाइन पर समाधान हो जाता है आखिर इस दशा में शिकायत कर्ता अब कहां जा पायेगा ।तब अखबारों की सुर्खियों ने नगर को एक बार फिर रोशन करवा दिया जिससे नगर में हर्ष व्याप्त हो गया है ।