किसान आंदोलन के समर्थन में अनशन

 


सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के कार्यकर्ता बैठे धरने पर

अशोकनगर:(जनकल्याण मेल)। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में सोमवार को स्थानीय कलेक्ट्रेट के बाहर किसान संगठनों द्वारा धरना देकर 9 घंटे के लिए अन्न जल का त्याग कर अनशन किया गया इस दौरान राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के कार्यकर्ताओं द्वारा केंद्र सरकार के नए कृषि कानून को किसान विरोधी कानून करार देते हुए जमकर नारेबाजी की।इस दौरान राजेश रघुवंशी मथनेर,अभिषेक रघुवंशी सहवाजपुर, राजू रघुवंशी बामोरा,महेंद्र रघुवंशी महिदपुर,नीरज रघुवंशी अशोकनगर,आनंद रघुवंशी अशोकनगर सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक अनशन पर बैठे रहे।संगठन के राजेश रघुवंशी मथनेर ने बताया कि हमारी प्रमुख मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी पर फसलों की खरीदी की गारंटी का कानून बनाया जाए, किसान विरोधी 3 कृषि अध्यादेशों को वापस लिया जाए, मॉडल एक्ट (कृषि उपज मंडी 2020) को वापस लिया जाए, भूमि अधिग्रहण एक्ट 2014 को रद्द किया जाए, सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी स्वामीनाथन आयोग के सीटू प्लस 50 परसेंट फार्मूले के अनुसार तय किया जाए,संपूर्ण देश के किसानों को सरकारी, सहकारी एवं प्राइवेट बैंकों के ऋण से मुक्त किया जाए, संसद में पास किए गए किसान एवं मजदूर विरोधी 50 कानूनों को वापस लिया जाए,फल सब्जी एवं दूध का समर्थन मूल्य तय किया जाए तथा 55 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन दी जाए,सभी मुक्त व्यापार समझौतों को रद्द किया जाए एवं कृषि उत्पादों के गैरजरूरी आयात को बंद किया जाए, प्रदेश के किसानों के लिए जय किसान ऋण माफी योजना के दो चरण शेष हैं, उन्हें तुरंत प्रारंभ किया जाए, बिजली के बिल माफ किए जाने के स्पष्ट आदेश जारी किए जाएं,नवीन ऋण पुस्तिका अविलंब किसानों को प्रदान की जाए एवं जब तक नवीन ऋण पुस्तिका किसानों को नहीं मिलती है तब तक पुरानी ऋण पुस्तिका को मान्य किया जाए,नकली खाद बीज कीटनाशक पर रोक लगाई जाए जांच के लिए प्रयोगशालाओं को सक्रिय किया जाए एवं खाद की सप्लाई को सुनिश्चित किया जाए,सोयाबीन की फसल की क्षति पूर्ति के लिए 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर का मुआवजा दिया जाए एवं सूखे व अति जल वृष्टि से प्रभावित फसलों का मुआवजा दिया जाए,वर्ष 2018-19 का गेहूं का बोनस एवं भावांतर की राशि का भुगतान तुरंत किया जाए, खेत सड़क योजना को चालू किया जाए,विद्युत ट्रांसफार्मर लगाए जाने की अनुदान योजना को चालू किया जाए एवं बिजली की सप्लाई 12 घंटे सुनिश्चित करके लाइन की मरम्मत कराई जाए, कुछ जिलों (रायसेन, हरदा)मैं गेहूं एवं चना एमएसपी पर खरीदा गया था जिसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है उसे तुरंत कराया जाए, रबी एवं खरीफ की मक्का धान मूंग उड़द सोयाबीन आदि समस्त फसलों को एमएसपी पर खरीदे जाने की अविलंब कार्रवाई की जाए,फसलों के वास्तविक उत्पादन के आधार पर बीमा की राशि दी जाए एवं 2019 की रवि की फसलों की बीमा राशि का भुगतान किया जाए। यह मांगे जब तक नहीं मानी जाती तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा।