लाखों के भ्रष्टाचार के बाद भी नहीं समाप्त किया वित्तीय अधिकार
विपिन गुप्ता, शहडोल [जनकल्याण मेल] कहावत है कि ''जब सैंया भए कोतवाल, तो अब डर काहे का''। यह कहावत चरितार्थ है, जयसिंहनगर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत पथरवार के सचिव सच्चिदानंद पटेल पर, जो जिला पंचायत शहडोल में स्टेनो के पद पर पदस्थ एमपी पटेल को अपना रिश्तेदार बताते घूम रहे हैं। सूत्रों की माने तो स्टेनो साहब की कृपा दृष्टि के चलते ही उक्त सचिव भ्रष्टाचार की नैया पार लगाते हुए, कार्यवाही से कोसों दूर, आनंद रस की प्राप्ति में लीन हैं।
हैं भ्रष्टाचार के माहिर खिलाड़ी
गौरतलब है कि वर्तमान में सचिव सच्चिदानंद ग्राम पंचायत पथरवार में पदस्थ हैं, जो पूर्व में ग्राम पंचायत बरकछ में पदस्थ रहे। जहां उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई सीसी रोड में शासकीय राशि की जमकर होली खेलते हुए गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य जमकर कराया। मामले को लेकर तत्कालीन कमिश्नर से शिकायत भी हुई और जांच के पश्चात शिकायत अक्षरशः प्रमाणित हुई। प्रमाणिकता के बाद लगभग 8 लाख रुपए वसूली योग्य मानते हुए कार्यवाही हेतु जिला पंचायत सीईओ को निर्देशित किया गया, लेकिन वास्तविकता में कार्यवाही के नाम पर केवल कागजी घोड़े ही दौड़ाते देखा जा रहा है। इतना ही नहीं उक्त सचिव द्वारा पूर्व में ग्राम पंचायत नगनौड़ी में रहते हुए भी शासकीय राशि गबन की गई, जिसमें धारा 92 के तहत जिला पंचायत शहडोल में प्रकरण भी पंजीबद्ध किया गया था। लेकिन सचिव ने हाईकोर्ट से स्थगन आदेश लेकर आज तक शासकीय राशि जमा नहीं की है। शायद ऐसा इसलिए कि सच्चिदानंद भ्रष्टाचार के माहिर खिलाड़ियों में से एक हैं।
फिर क्यों नहीं छीना वित्तीय प्रभार
बताया जाता है कि जिला पंचायत में बैठे स्टेनो एम पी पटेल द्वारा सीओ को गुमराह करते हुए सचिव सच्चिदानंद को जांच की आंच के जद में आने से बचाने के लिए भरसक प्रयास किया जा रहा है। कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए संबंधित मामले को रफा-दफा किया जा रहा है। दोषी सचिव सच्चिदानंद अपने प्रमाणित भ्रष्टाचार के बावजूद भी अभी तक पंचायत के वित्तीय प्रभार जैसी सुविधा का लाभ मजे से उठा रहा है। जानकार बताते हैं कि शासन के दिशा निर्देश के अनुसार यदि किसी सचिव के विरुद्ध राशि वसूली का आरोप सिद्ध पाया जाता है, तो संबंधित सचिव का वित्तीय प्रभार समाप्त कर दिया जाता है। लेकिन यहां ऐसा कुछ भी देखने नहीं मिला। आखिरकार ऐसी क्या वजह है कि उक्त सचिव का वित्तीय प्रभार अब तक नहीं समाप्त किया गया? इस सवाल का जवाब तो बेहतर रूप से वरिष्ठ अधिकारी ही दे सकते हैं। बहरहाल कुल मिलाकर स्टेनो की कृपा से सचिव का सब काम बन रहा है!!