इंजी.पन्डित चन्द्र भानु शर्मा
विदिशा [जनकल्याण मेल]
दिवाली की शाम धन समृद्धि के लिए लक्ष्मी पूजा की परंपरा है। इस शाम देवी लक्ष्मी की पूजा में तंत्र-मंत्र का प्रयोग भी सदियों से होता रहा है। लोग अपने भाग्य को मजबूत बनाने के लिए अपनी राशियों के अनुसार मंत्र जप और पूजा भी करते रहे हैं। आप भी अपनी राशि के अनुसार करिए लाभ मिलेगा..
यदि संभव हो गए तो ,,,,,,कोई भी एक या अधिक,,,,
1.सुबह पूरे घर में गुलाबजल मिलाकर पोछा लगा लेवे ।
2.गाय को मिष्टान का भोग (खिला) देवे और
3.स्वयं कुछ मिष्ठान और केसर के साथ सेवन लेवे
4. बच्चियों और बच्चों को नए वस्त्र के साथ पूजा करें उत्तम रहेगा,,,,,,
1.मेष
लक्ष्मी पूजन: लक्ष्मी सूक्त, गुलाब के इत्र, जटामासी की धूप और कमलगट्टे से लक्ष्मी पूजन आनंद प्रदान करेगा।
अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ श्रीं श्रिये नमः।
2.वृषव
लक्ष्मी पूजन: श्वेत वस्त्र, कमल पुष्प, गुग्गुल की धूप और काले तिल से लक्ष्मी का पूजन मन को आनंद से परिपूर्ण कर देगा।
अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्षम्ये नमः।
3.मिथुन
लक्ष्मी पूजन: पश्चिम की ओर मुख कर महालक्ष्मी की उपासना करें। धनिया के बीज, बताशे, चमेली का इत्र, गुग्गुल, जटामासी की धूप और लाल कनेर से लक्ष्मी पूजन अपार आनंद प्रदान करेगा।
अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये, प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्षम्ये नमः।
4.कर्क
लक्ष्मी पूजन: लक्ष्मी पूजन में गुग्गुल का धूम्र, शहद, नागकेसर, गुड़ और धनिया के बीजों को कमलगट्टे के साथ अर्पित करें।
अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नमः।
5.सिंह
लक्ष्मी पूजन: लक्ष्मी पूजन में अपराजिता की जड़, कमल पुष्प, काले तिल, चमेली का पुष्प और लाल चुनरी अर्पित करें।
अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं ऐं नमः।
6.कन्या
लक्ष्मी पूजन: लक्ष्मी पूजन में दक्षिणावर्ती शंख पर रोली से लक्ष्मी बीज श्रीं और माया बीज ह्रीं लिख कर लक्ष्मी के साथ काले तिल, कमलगट्टे, जटामासी के धूम्र से पूजन करें।
अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रीं ऐं नमः।
7.तुला
लक्ष्मी पूजन: 51 बार अर्गला व सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करके भगवती लक्ष्मी को पंचरत्न, श्वेत वस्त्र, गुलाब पुष्प, गुलाब इत्र, अनार, कमलगट्टे और धान के लावे से लक्ष्मी का पूजन सुख प्रदान करेगा।
अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।
8.वृश्चिक
लक्ष्मी पूजन: श्री सूक्त व विष्णु सूक्त के 51 पाठ व लाल वस्त्र, कमल पुष्प, चमेली का इत्र, अनार और अक्षत से लक्ष्मी का पूजन सुख प्रदान करेगा।
अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं अष्टलक्ष्मयै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नमः स्वाहा।
9.धनु
लक्ष्मी पूजन: कमल पुष्प, अपराजिता की जड़, गुलाब इत्र, अनार, शहद और काले तिल से लक्ष्मी का पूजन हर्ष प्रदान करेगा।
अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
10.मकर
लक्ष्मी पूजन: श्री सूक्त का 101 पाठ, बताशे, अपराजिता की जड़, काले तिल, लाल कनेर और धान का लावा के साथ लक्ष्मी पूजन अंतर्मन को आनंद से भर देगा।
अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी नम:।
11.कुंभ
लक्ष्मी पूजन: श्वेतार्क (सफ़ेद मदार या आक) की जड़, एकाक्षी नारियल, पंचरत्न, शमी की लकड़ी, कमल पुष्प, धान का लावा, और चमेली के इत्र से भगवती का पूजन करें। आत्मिक सुख प्राप्त होगा।
अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी नम:।
12.मीन
लक्ष्मी पूजन: गोपाल सहस्त्रनाम का पाठ, लौंग, इलायची, पान, कपूर, , गुड़, धनिया, अक्षत, श्वेतार्क के पुष्प, एकाक्षी नारियल और पंचरत्न से लक्ष्मी का पूजन करें। हर्ष की अनुभूति होगी।
अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं श्रिये नमः
आप सभी को दीपोत्सव मंगलमय होवे।।
जय श्री महाकाल💐