मुख्यमंत्री की पोस्ट और विभाग द्वारा निकली भर्ती की विज्ञप्ति मैं अंतर...

भ्रम की स्थिति में मध्यप्रदेश के बेरोजगार


शिवराज सिंह सिर्फ प्रदेश के युवाओं को नौकरी की बात करते हैं वहीं शासन देश और विदेश के लिए पट खोले है। 


अभय खेर 


अशोकनगर:(जनकल्याण मेल)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अपने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली गई है जिसमें प्रदेश के बेरोजगारों को विश्वास दिलाया गया है कि "मध्य प्रदेश की शासकीय नौकरियों पर केवल प्रदेश के युवाओं का हक होगा। यह हमने पहले ही तय कर लिया है ।अब आपको बार-बार की परीक्षाओं के कारण होने वाले निरर्थक व्यय और आवागमन से भी मुक्ति मिल जाएगी। मेरे बच्चों तुम्हारा जीवन आनंदमय और बेहतर बने यही मेरी प्राथमिकता है।"


उक्त तीनों पोस्ट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फेसबुक पेज पर 20 अगस्त को डाली हुई प्रतीत हो रही है। और यह सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं। हालांकि अखबार इस बात की पुष्टि नहीं करता। इसके अलावा एक और भर्ती विज्ञप्ति सोशल मीडिया पर डली हुई है। जिसके अनुसार बैकलॉग भर्ती-ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी(कार्यपालक) कुल 24 पद जिसमें शर्तों में वेतनमान 5200 से 20200 पुनरीक्षित सातवां वेतनमान 25300 से 80500 शैक्षणिक योग्यता मान्यता प्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से कृषि उद्यानकी में स्नातक उपाधि इसके बाद नागरिकता एवं स्थाई निवासी के कॉलम में लिखा गया है कि (क) भारत का नागरिक हो (ख) नेपाल का नागरिक हो (ग) यदि (ख) वह तो मध्य प्रदेश सिविल सेवा भार्ती नियम 1961 के लागू नियम में अंतर्गत प्रमाण पत्र दिया जाना आवश्यक है।


इसके बाद नोट लगाया गया और उसमें लिखा गया है कि किसी ऐसे उम्मीदवार को जिसके मामले में पात्रता का प्रमाण पत्र आवश्यक हो इस बात के अध्याधीन अंतिम रूप से नियुक्त किया जा सकेगा कि राज्य शासन द्वारा मध्य प्रदेश सिविल सेवा भारती नियम 1961 के अनुसार उस के पक्ष में आवश्यक प्रमाण पत्र अंततः जारी कर दिया गया हो।


इस विज्ञप्ति के माध्यम से बेरोजगार अभ्यार्थियों में भ्रम की स्थिति बन रही है जहां एक और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने फेसबुक पर प्रदेश के युवाओं को आश्वस्त करते हैं कि मध्य प्रदेश की सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को अवसर मिलेगा वहीं प्रदेश के शासकीय विभागों द्वारा जारी रिक्त स्थानों की भर्ती विज्ञप्ति में देश के अन्य प्रदेश की बात तो दूर है विदेशों तक के बेरोजगार अभ्यर्थियों के लिए भी आवेदन की पात्रता लिखी है ऐसे में प्रदेश के बेरोजगार भ्रमित हो रहे हैं और वह समझ नहीं पा रहे की वैकेंसी में लिखी गई बात सच है या मुख्यमंत्री द्वारा फेसबुक पर कोरी वाहवाही लूटने के लिए बेरोजगारों के साथ मजाक किया जा रहा है। यहां यह सभी का मानना है कि शासकीय विभाग द्वारा जारी वैकेंसी में दी गई शर्तें मान्य होती हैं ना की किसी नेता द्वारा फेसबुक पर डाली गई पोस्ट या की गई घोषणा ऐसे में बेरोजगारों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।