मानव ऑर्गेनाइजेशन के नेचर क्लब की टीम ने किया भ्रमण
ललितपुर [जनकल्याण मेल] रविवार की सुबह मानव ऑर्गेनाइजेशन के ललितपुर नेचर क्लब के सदस्यों ने गोविंद सागर बांध की तख्ती पर मॉर्निंग वॉक के साथ प्रवासी पक्षियों का हालचाल जाना। शायद ही दुनिया का कोई आबाद कोना हो, जहाँ किसी न किसी तरह के पंछी न होते हों। यहाँ तक कि बर्फीला साइबेरिया भी पंछियों का साक्षी है। ये पंछी समय, काल और परिस्थिति के अनुसार खुद को ढाल लेते हैं। अपना जीवन बचाने के लिये ये अपने मूल स्थान से हजारों किलोमीटर दूर जाने से भी परहेज नहीं करते। ऐसी लम्बी यात्राएँ ये करते कैसे हैं, यह आज भी एक रहस्य है।
ललितपुर नेचर क्लब के सदस्य डा.राजीव कुमार निरंजन ने बताया कि प्रतिवर्ष प्रवास पर आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या घटती-बढ़ती रहती है। इसकी वजह शिकार और पर्यावरण संतुलन का बिगडऩा तो तय है। साथ ही हमारे सरकारी
महकमों की इन पक्षियों के प्रति उदासीनता भी है, जो हमारे जलाशयों में विभिन्न गतिविधियां चलाते है और समय पर इन पक्षियों के सुरक्षित विचरण के बारे में विचार नहीं करते। प्रवासी पक्षी बहुत शर्मीले होते हैं अपने बीच मानव का दखल पसंद नहीं करते और जलाशयों को छोड़कर दूसरी जगह चले जाते हैं। कई वर्षों से वर्ड वाचिंग डे का आयोजन करने वाले ललितपुर नेचर क्लब के संयोजक पर्यावरणविद पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि दिसंबर में हमारी संस्था द्वारा वर्ड वाचिंग डे मनाया जाएगा। बुन्देलखण्ड के अंतर्गत शरद ऋतु में हमारे जनपद के गोविन्द सागर बांध, माताटीला बांध, शहजाद बांध, राजघाट बांध एवं की जलाशयों के पास प्रवासी पक्षी लाखों की संख्या में आते है, जिनमे मुख्यत: रैड नेप्ड, आईबीज, सिलैण्डर, विल्डगुल, युरेशियन कूट, ट्यूफिटडटक, ब्लैक विण्ड स्टिल्ट आदि प्रवासी पक्षी आते है, लेकिन दुर्भाग्य से स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के कारण इनका शिकार भी हो रहा है। इस दौरान डा.राजीव कुमार निरंजन, बलराम कुशवाहा, आशीष साहू, पुष्पेंद्र सिंह चौहान आदि साथ रहे।