इंजीनियर, सचिव और उपसरपंच की तिकड़ी के खेल निराले...जहां मन चाहा वहीं करा रहे निर्माण

शासकीय धन की हो रही बर्बादी, लाभान्वित नहीं ग्रामीणों 


शहडोल [जनकल्याण मेल] जनपद पंचायत जयसिंहनगर अंतर्गत ग्राम पंचायत बराछ में हो रहे निर्माण कार्यों में शासकीय धन की होली खुलेआम खेली जा रही है। बताया गया है कि इंजीनियर अल्केश सिंह व ग्राम पंचायत के सचिव और उपसरपंच की तिकड़ी, यहां पर अपने मन मुताबिक निर्माण कार्यों को अंजाम दे रही है। कई ऐसे निर्माण कार्य हैं जिनका लाभ सीधे तौर पर तो ग्रामीणों को मिलता दिखाई नहीं देता, लेकिन इस तिकड़ी का स्वहित स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत में देखने मिला, जहां मनमाने तौर पर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण प्राइवेट संस्था को लाभान्वित करने के उद्देश्य से किया गया है। इतना ही नहीं उक्त निर्माण कार्य में बेहद घटिया किस्म की सामग्रियों का उपयोग किया जाकर इति श्री कर ली गई है।

ग्रामीणों की मांग, जिला स्तर पर हो जांच

ज्ञात हो कि उक्त ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत लगभग  3:30 लाख रुपए  की लागत से सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। इस सार्वजनिक शौचालय का निर्माण प्राइवेट कमला हायर सेकेंडरी स्कूल को लाभ पहुंचाने के दृष्टिगत किया गया है, जबकि ग्रामीण शौचालय का लाभ उठाने से वंचित होंगे। मौके पर भी यह पाया गया कि तार फिनिसिंग बाउंड्री के अंदर यह सार्वजनिक शौचालय मौजूद है।उक्त निर्माण को लेकर ग्रामीणों का आरोप है कि, कमला हायर सेकेंडरी स्कूल के संचालक को शौचालय का सीधा लाभ दिया गया है। उनका यह भी कहा कि यह निर्माण निजी स्वामित्व की भूमि पर कराया गया है। हालांकि संबंधित जनों का कहना है कि शासकीय भूमि पर ही निर्माण कार्य हुआ है। बहरहाल यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि, निर्माण निजी स्वामित्व की भूमि पर हुआ है या फिर शासकीय भूमि पर? ग्रामीणों ने यह मांग की है कि इस निर्माण कार्य की गुणवत्ता सहित भूमि के शासकीय  व निजी  स्वामित्व  की जांच  कराई जाए।

कई और हैं निर्माण, जिनमें हुआ है खेल

ग्राम पंचायत बाराछ में कई अन्य ऐसे निर्माण कार्य भी हुए हैं, जिसमें इस तिकड़ी ने शासकीय धन का जमकर दुरुपयोग किया है। कहीं नियमों को ताक पर रखा गया, तो कहीं एस्टीमेट के विपरीत निर्माण कार्य हुआ है। इसके साथ ही अधूरे कार्य को पूर्ण बताकर मूल्यांकन के खेल खेला गया है। जिनका खुलासा भी जल्द ही अगले अंक में किया जाएगा।

कहा जिम्मेदारों ने...

सार्वजनिक शौचालय शासकीय भूमि पर और सार्वजनिक जगह पर बनना चाहिए। पटवारी या रेवेन्यू विभाग से जानकारी ली जाएगी। निर्माण कार्य गलत पाए जाने पर संबंधी जनों के विरुद्ध उचित दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

मुद्रिका सिंह, एडिशनल सीईओ

जिला पंचायत शहडोल

मेरे द्वारा कोई नाप-जोख नहीं कराया गया है। मेरे कार्यकाल के पूर्व अगर हुआ हो, तो मुझे ज्ञात नहीं है। अमित पटेल, पटवारी।

हां प्राइवेट विद्यालय के समीप तो सार्वजनिक शौचालय बना है। लेकिन वह निजी स्वामित्व की भूमि नहीं है, वह शासकीय है।

राम किशोर पटेल, सचिव

ग्राम पंचायत बराछ।

ऐसा कुछ भी नहीं है, शौचालय शासकीय भूमि में ही बना है।

श्रीधर गर्ग, उपसरपंच

ग्राम पंचायत बाराछ।