हैण्ड सैनीटाइजर का करें सीमित इस्तेमाल
ललितपुर [जनकल्याण मेल] आज पूरी दुनिया में ग्लोबल हैण्ड वाशिंग डे मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य हाथों में पनपने वाले कीटाणुओं को हाथ धोकर खत्म करने की जागरूकता फैलाने का है। कोई एक दिन या एक वक्त नहीं, बल्कि दिन में नियमित अन्तराल पर साबुन पानी से हाथ धोना चाहिए। इससे न सिर्फ कोरोना वायरस से बचा जा सकता है बल्कि अन्य बीमारियों से बचा जा सकता है।
इस वैश्विक महामारी के बीच लोगों ने हाथ धोने की एहमियत को समझा है। यह कोरोना वायरस से लडऩे में एक कारगर हथियार साबित हुआ है। ग्लोबल हैण्ड वाशिंग डे 2008 से मनाया जा रहा है। इस दिन की स्थापना ग्लोबल हैण्ड वाशिंग पाट्नरशिप द्वारा की गई थी जिसका प्रयास साबुन से हाथ धोने के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना है। इस अवसर पर सीएमओ डा.प्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि संक्रमण के इस समय में हाथ धोना बहुत जरुरी है। इस अवसर पर सभी स्वास्थ्य इकाईओं पर ग्लोबल हैण्डवॉश डे मनाया जायेगा। साथ ही लोगों में हाथ धोने के फायेदे के बारे में भी बताया जायेगा। उन्होंने बताया कि ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे हर साल 15 अक्टूबर को मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि हाथ को 20 सेकंड तक अच्छी तरह साबुन से धुलना चाहिए।
महामारी रोग विशेषज्ञ डा.देश राज कहते हैं कि हाथ नहीं धोना मतलब बीमारियों को दावत देना है। बच्चे, बड़े, महिला, पुरुष सभी के लिए हाथ धोना बराबर महत्व रखता है। नाखूनों और उँगलियों में कीटाणु छिपे रहते हैं। इससे गन्दगी सीधे पेट में जाती है और ये बीमारियों की वजह बन जाता है। अगर समय-समय पर हाथ धोये जाएँ तो कई तरह की बीमारियों के खतरों से आसानी से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया की हाथों पर सैनीटाइजर का इस्तेमाल तब ही करना चाहिए जब साबुन और पानी उपलब्ध नहीं हो। साबुन पानी से हाथ धोना हाथ सेनीटाइज करने से बेहतर है। सैनीटाइजर में 70 प्रतिशत अल्कोहल रहता है इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से हाथों पर खुजली और रूखेपन की समस्या हो सकती है। और सर्दियों में नमी कम होने से यह समस्या अधिक हो सकती है। साथ ही उन्होंने बताया कि साबुन और पानी से हाथ धोने से कीटाणु अधिक मरता है क्यूंकि इस प्रक्रिया में नाखून और कलाइयों तक को धुला जाता है। लेकिन अल्कोहल आधारित सैनीटाइजर के इस्तेमाल के दौरान नाखून और कलाइयों में कीटाणु छिपे रह जाते हैं।
कब-कब धुलें हाथ
खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद, किचन का काम करने से पहले और काम के बाद, शौच के बाद, सार्वजानिक स्थानों के दरबाजे, कुण्डी छूने के बाद, बाहर से घर में प्रवेश करने से पहले हाथ अवश्य धोएं। डा.देशराज कहते हैं कि कोई भी ऐसी चीज छूने से पहले, जहां कीटाणु हो सकते हैं हाथ जरूर धोएं। कोरोना वायरस महामारी के बीच नियमित अंतराल में हाथ धोते रहें। इस बार की थीम सभी के लिए स्वच्छ हाथ रखी गई है डब्ल्यूएचओ के वैश्विक सुझावों में कोविड-19 महामारी को रोकने और नियंत्रित करने और इसे व्यवहार में लाने के लिए हाथ की स्वच्छता का लक्ष्य रखा गया। इसके लिए हाल ही में डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ की अगुवाई में हैंड हाइजीन फॉर ऑल ग्लोबल इनिशिएटिव लांच किया गया।
क्या कहते हैं आकड़े
द स्टेट ऑफ हैंड वॉशिंग की 2016 की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्र में 54 प्रतिशत आबादी शौचालय के बाद हाथ धोती है, वही सिर्फ 13 प्रतिशत आबादी खाना बनाने से पहले और 27 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोती है। दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में 94 प्रतिशत लोग शौचालय के बाद हाथ धोते है, 74 प्रतिशत खाना बनाने से पहले और 79 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोते है।