मामला केपीएस विद्यालय का, जारी शासकीय पत्र में झूठे तथ्यों का जिक्र
विपिन गुप्ता (जनकल्याण मेल, शहडोल)
जिले के जैतपुर तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत टिकुरी में अशासकीय केपीएस विद्यालय जो कक्षा आठवीं तक संचालित है में, छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उक्त विद्यालय में वर्ष 2019-20 सत्र में 277 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, किंतु संस्था के जिम्मेदार एवं प्रभारी अधिकारी द्वारा छात्रों की छात्रवृत्ति मैपिंग/फीडिंग का कार्य आज दिनांक तक नहीं कराया गया है।
संबंधित संस्था प्रभारी द्वारा 277 में से मात्र 122 छात्रों की छात्रवृत्ति फीडिंग कराई गई है, शेष छात्रों को छात्रवृत्ति से आज भी वंचित किया गया है। संस्था द्वारा छात्रों के परीक्षा फल का अनुमोदन भी आज दिनांक तक नहीं कराया गया है। जिसके कारण छात्रों को स्थानांतरण प्रमाण-पत्र प्राप्त करने आदि में भी काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। उक्त बातें संकुल प्रभारी शाउमावि रसमोहनी ने अपने जारी पत्र में उल्लेखित करते हुए मामले में संस्था संचालक पर लापरवाही को अपराधिक श्रेणी का बताया है। वहीं दूसरी ओर निजी विद्यालय के व्यवस्थापक ने डाटा फीडर पर मैपिंग के लिए रुपए मांगने का आरोप लगाया है।
शासन की गाइड लाइन के तहत संचालित है विद्यालय: व्यवस्थापक
उक्त विद्यालय के व्यवस्थापक रहमान खान से बातचीत कर मामला जानने का प्रयास किया गया। तो उन्होंने बताया कि, मैपिंग कराए जाने के लिए मुझसे 3 हजार रुपये की मांग की जा रही थी। नहीं दिए जाने पर इस प्रकार से झूठे तथ्य एवं आधार तैयार किए गए हैं। यही नहीं डाटा मैपिंग फीडर द्वारा मेरे विद्यालय के लगभग 19 बच्चों के दो हजार लेकर बिना अनुमोदन के ही टीसी काट दी गई। जिसके एवज में 2 हजार रुपये लिये गये हैं। शाउमावि रसमोहिनी के प्राचार्य/संकुल प्रभारी द्वारा जारी पत्र 27 अगस्त को जारी जरूर हुआ है, लेकिन मुझे 7 सितंबर को दिया गया। पत्र में झूठी बातें लिखी हुई हैं। मेरे विद्यालय में कुल 277 छात्र हैं, जिसमें कुछ नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी के भी बच्चे शामिल हैं, जिनकी मैपिंग नहीं की जाती है। मेरे विद्यालय में 26,000 स्क्वायर फुट का प्लेग्राउंड है, 11 कमरे हैं, इसके साथ ही 35 बाई 40 का हाल भी है।
इनका कहना है
किसी भी विद्यालय को मान्यता दिए जाने के पूर्व, मौके पर जाकर निरीक्षण व प्रस्तावना के बाद ही मान्यता प्रदान की जाती है। सर्व शिक्षा अभियान के बीआरसी को इस बावत अधिकार प्राप्त है। आप मुझे सभी डिटेल्स भेजिए, मैं दिखवाता हूं।
रणमत सिंह
जिला शिक्षा अधिकारी, शहडोल।