सिद्ध अपराध के बाद भी अब तक नहीं हो सकी कार्यवाही
शहडोल। जिले की पंचायतों में भ्रष्टाचार के कई किस्से अब तक सामने आते रहे हैं, जिनमें आरोप सिद्ध होने के बाद कार्रवाईयों की गाज गिरते भी देखने मिली। लेकिन वर्तमान में एक ऐसा किस्सा सामने आया है, जिसमें सिद्ध अपराध के बाद भी आरोपीजनों को बचाए जाने का भरपूर प्रयास जारी है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर संबंधित आरोपीजनों के विरुद्ध कार्यवाही फाइल जिला पंचायत कार्यालय में धूल खा रही है। लगभग 1 वर्ष का समय व्यतीत हो जाने के बावजूद अब तक संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही संभव नहीं हो पाई है। जबकि जांच के बाद दोषीजनों से लगभग 8 लाख की राशि वसूले जाने के साथ ही, एफआईआर दर्ज कराये जाने का स्पष्ट उल्लेख जांच प्रतिवेदन में किया गया है। जो कहीं न कहीं, संबंधित विभाग केे प्रशासनिक अधिकारी के लापरवाह और निरंकुश होने का प्रमाण ही है।
क्या है पूरा मामला
वर्ष 2019 में विकास चतुर्वेदी ने कमिश्नर शहडोल से जिले के जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत, ग्राम पंचायत बरकछ में निर्मित सीसी रोड व नाली निर्माण संबंधित शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया कि निर्माण कार्य गुणवत्ताविहीन कराया गया है। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया था कि, निर्माण के 6 माह के भीतर ही निर्मित सड़क जगह-जगह फट गई है। कमिश्नर ने संबंधित मामले की जांच, ए पी सिंह (अधीक्षण यंत्री) ग्रामीण यांत्रिकी विभाग शहडोल को सौंपी।
खुदाई करवाकर जांची गुणवत्ता
जिसके बाद जांचकर्ता अधिकारी द्वारा मौके पर जाकर शिकायतकर्ता के समक्ष जांच किया गया। 4 सीसी सड़कों का खनन कर सड़क की गुणवत्ता जांची एवं कार्य गुणवत्ता विहीन होना पाया गया। जांचकर्ता अधिकारी ने लगभग 8 लाख रुपये की राशि रिकवरी योग्य माना तथा इसका उल्लेख करते हुए अपना जांच प्रतिवेदन कमिश्नर को सौंप दिया। उक्त रिकवरी राशि सरपंच छोटीबाई कोल, सचिव सच्चिदानंद पटेल, रो.सहा. एवं वर्तमान प्रभारी सचिव पुजारी प्रसाद मिश्रा, इंजीनियर अल्केश सिंह के विरुद्ध निकाली गई।
सवालों के जवाब देने बचते रहे अफसर
जिला पंचायत अधिकारी, शहडोल को जांच प्रतिवेदन सौंपते हुए कमिश्नर ने जांच के आधार पर संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही करने निर्देशित किया। लेकिन आज तक दोषियों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही संभव नहीं हो सकी है और फाईल जिला पंचायत में ही चार दीवारों के बीच कैद होकर रह गई है। शासन की विकासशील योजना और निर्माण कार्य में, ऐसे घटिया निर्माण के माध्यम से लाखों रुपए की चपत लगाने वाले दोषियों को लगभग साल भर का समय व्यतीत हो जाने के बाद भी कार्यवाही से अछूता रखा जाना कई सवालों को जन्म देता है। हालांकि सवालों के जवाब संबंधित आला अफसरों से जानने का प्रयास तो किया गया, लेकिन अफसरानों ने वही पुराना राग अलापते हुए जवाब देने से बचने का प्रयास करते रहे।
सांठ-गांठ अच्छी, तो दाग अच्छे हैं
इस पूरे मामले में कुछ इसी प्रकार की कहावत को चरितार्थ होते देखा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत बरकछ के एक दबंग व्यक्ति के साये में बरकछ पंचायत में भ्रष्टाचार चरम पर है। बताया गया कि उक्त व्यक्ति द्वारा ठेकेदारी में पंचायत का निर्माण कार्य कराता है। सूत्रों की मानें तो उक्त व्यक्ति का एक घनिष्ठ मित्र है, जिसके तार जिला पंचायत शहडोल से गहरे रूप में जुड़ा हुआ है। जिसके चलते ही दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही अब तक शून्य है। बताया गया है कि अच्छी सांठगांठ और लेन-देन हो जाने की वजह से इस मामले को रफा-दफा किए जाने का प्रयास जारी है