धोखाधड़ी के आरोप में दंपत्ति गिरफ्तार, पुलिस ने कहा करोड़ों के घोटाले का है मामला

 


 


परिजनों का आरोप: पुलिस कार्यवाही पूर्णतया अवैधानिक 


हडोल। जिला मुख्यालय स्थित कोतवाली थाने में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है, जिसमें आरोपी के परिजन ने पुलिस पर अवैधानिक रूप से कार्यवाही को अंजाम दिया जाने के आरोप लगाए हैं। वहीं पुलिस ने इसे गलत एवं निराधार बताते हुए आरोपी के बचाव का प्रयास बताया है।


क्या है मामला


फरियादी बालकरण बैगा पिता कतकू बैगा, उम्र 43, निवासी ग्राम भटिया, थाना जैतपुर जिला शहडोल ने थाना कोतवाली में अमित कुमार जैन एवं उनके सहयोगी अनूप शर्मा, रविंद्र सेन, अजय सेन व योगिता जैन सभी निवासी शहडोल के द्वारा लोन दिलाने के नाम पर षडयंत्रपूर्वक धोखाधड़ी कर लोन राशि हड़प कर लेने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई। पेशे से शिक्षक फरियादी ने शिकायत में बताया कि उसे अपना मकान बनवाने के लिए 5 लाख की आवश्यकता थी। जिसके लिए लोन दिलाने की बात अमित से हुई। जिसके बाद मेरे सेंट्रल बैंक के खाते में किस्तों में 5 लाख से ज्यादा की रकम जमा हुई। मैंने अमित जैन से कहा कि मुझे केवल 5 लाख की ही आवश्यकता थी, अतिरिक्त आई हुई रकम वापस करा दीजिए। तो उसके बाद 1 लाख 20 हजार मेरे अकाउंट से वापस करवा दिए गए।


और कटते रहे खाते से किस्त


इतना ही नहीं उसके बाद भी मेरे अकाउंट में दुबारा से राशि आई। जिसकी जानकारी देने पर अमित ने बताया कि एचडीएफसी बैंक से भी तुम्हारा एक और लोन सैंक्शन हुआ है। उस राशि को भी मैंने वापस कराने के लिए कहा, जिसके बाद उक्त राशि अमित द्वारा वापस करा दी गई। फरवरी 2019 से मेरा बजाज फाइनेंस का 9031 रूपये, एक्सिस बैंक से 8899 व एचडीएफसी बैंक से 11353 रूपये किश्त में उक्त बैंक एकाउंट से कटने लगी। जबकि एचडीएफसी बैंक का ऋण मैंने अमित जैन के माध्यम से पूरा वापिस करा दिया था। मैंने अमित जैन से उक्त बैंक ऋण की किस्तों के बारे में पूछा तो उसने तत्काल मेरे एचडीएफसी बैंक किस्त की राशि जमा करा दी और दुबारा नहीं कटने का भरोसा दिलाया। लगातार एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, व बजाज फाइनेंस की किस्तें मेरे अकाउंट से कटती रही।


स्टेटमेंट निकलवाया तब समझ आया


जब मैंने अपने अकाउंट का स्टेटमेंट निकलवाया तो सारी बातें निकलकर सामने आई। सितंबर 2020 में अपने अकाउंट की जानकारी लिए जाने पर पता चला कि मेरे अकाउंट से एक्सिस बैंक ऋण खाते में 1,20,543 रूपये एवं एचडीएफसी बैंक से 3,73,776 रूपये, कुल 4,94,319 रूपये मेरे खाते से बी-ट्रांसफर्म के खाते में बिना मेरी जानकारी व सहमती के धोखाधड़ी करते हुए हड़प कर ली गई है।


अन्य शिक्षकों से भी हुआ छलावा


मेरे विरुद्ध उपरोक्त बैंकों से कुल 10,35,096 रूपये का ऋण अमित एवं उसके साथियों द्वारा स्वीकृत किया गया था। जिसमें से मुझे 5,40,777 रूपये ही प्राप्त हुए हैं तथा 4,94,319 रूपये सभी द्वारा अवैध लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से गलत दस्ताववेज तैयार कर छलपूर्वक मेरी राशि हड़प कर ली गई। इसी प्रकार मेरे अन्य शिक्षक साथियों के साथ भी छल किया गया है, जिसमें 60 से 65 लाख रुपए की धोखाधड़ी उक्त व्यक्ति ने की है।


इनका कहना है


आरोपी अमित जैन के साले ने बताया कि 1- 28 सितंबर 2020 को सुबह 4:30 बजे के लगभग पुलिस टीम (10 लोगों की) अमित जैन के घर जाती है। जिनके पास कोई सर्च वारंट नहीं रहता है, किसी भी तरह की प्राथमिकी दर्ज नहीं रहती है। इसलिए पुलिस कार्यवाही पूर्णतया अवैधानिक थी।


2- पुलिस की टीम जीजा अमित और बहन योगिता को पकड़कर थाने ले जाती है। पुलिस को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन एवं अरनेश कुमार मामले में दिए गये निर्देश के अनुसार, गिरफ्तार व्यक्ति एवं संबंधी को गिरफ्तारी का कारण बताना चाहिए। लेकिन गिरफ्तारी का न ही पंचनामा बनाया गया, न कारण बताया गया और न ही सूचना ही दी गई।


3- थाने के बाहर का चैनल गेट बंद कराकर वरिष्ठ अधिकारी प्रतिमा मैथ्यू स्वयं उपस्थित रहकर, अमित जैन (जीजा) व बहन के साथ मारपीट कराई जाती है। जबकि कस्टोडियल इंटेरोगेशन में मारपीट की अनुमति नहीं है। प्रतिमा मैथ्यू के द्वारा कितने मामलों में स्वयं उपस्थित होकर प्रकरण में कार्यवाही की गई विचारणीय है।


4- मेरे वकील को मिलने की अनुमति नहीं प्रदान की गई, जबकि फरियादी के वकील को अंदर बुलाकर सेटिंग से कार्यवाही करी गई और मारपीट की गयी।


5- फिर मेरे वकील के द्वारा कोर्ट में मारपीट की जांच के लिए न्यायालय में आवेदन 28 सितंबर 2020 को कर दिया। परंतु 29 तारीख को न्यायालय के समक्ष कोई भी जवाब नहीं दिया गया। न ही प्रकरण को 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के सम्मुख प्रस्तुत किया। जिससे प्रतीत होता है कि, पुलिस पूर्णतया बेलगाम होकर कानून को ताक पर रख अपराधियों जैसा आचरण कर रही है। मैंने कल दिनांक को घटना के संबंध में अपना वीडियो वायरल किया था, ताकि सभी लोगों को मेरे साथ किए गए अन्याय की जानकारी मिल सके। तब से पुलिस के द्वारा लगातार धमकी दी जा रही है और मेरा पीछा भी कराया जा रहा है। मुझे डर है कि कहीं पुलिस मेरे साथ कोई गंभीर वारदा त न कर दे। मुझे अपनी जान का भय है। शासन से एवं मुख्यमंत्री से अपनी जान की सुरक्षा व दोषी पुलिस पर कार्यवाही की मांग करता हूं।


विशाल जैन (बहनोई)


420 का मुकदमा कायम है और उसमें गिरफ्तारी की गई है। आरोपी को पुलिस रिमांड में लिया जा रहा है। साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं।


राजेश चंद्र मिश्रा


टीआई, कोतवाली शहडोल।


पुलिस को दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए, परंतु कार्यवाही का तरीका नियमानुसार होना चाहिए। दंड देने का अधिकार न्यायालयों का है। पुलिस को न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।


ऋषिकांत गुप्ता, एडवोकेट