ग्राम पंचायत बरकछ और बाराछ में माफिया राज

 


 


शहडोल [जनकल्याण मेल] मध्यप्रदेश में पंचायत राज अधिनियम लागू होने के बाद से त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था अपने-अपने विषयों और कार्यों को लेकर विकास व जनकल्याण के कार्यों में लगी हुई है। लेकिन ग्राम पंचायत के निर्माण कार्य और विकास कार्य को खुद के मुनाफे का धंधा बनाने वाले माफियाओं ने गुणवत्ता एवं सभी नियम कानूनों को दरकिनार करते हुए अपनी जेब भरने एक सशक्त माध्यम बना लिया है।



  • जिला पंचायत तक जुड़े हैं तार


जिसकी बानगी आए दिन उच्च स्तरीय जांच व अधिकारियों द्वारा की जा रही कार्रवाई से देखा जा सकता है। ऐसा ही एक मामला जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बरकछ और बराछ में देखने को मिल रहा है। जहां पर एक पूर्व जनप्रतिनिधि जिसके तार शहडोल जिला पंचायत में काफी गहरी बताई जाती है। उसके द्वारा निर्माण कार्य में ठेकेदारी प्रथा से काम करके विकास कार्यों के पैसे में सेंधमारी की जा रही है।


इच्छा से सचिव-रोजगार सहायक होते पदस्थ


जन चर्चाओं की माने तो ग्राम पंचायत के इस माफिया द्वारा जुगाड़ के किसी भी सप्लायर से ही सुई से लेकर सभी चीजें सप्लाई के बिल काटवाये जाते हैं। वहीं सूत्रों की माने तो इस बंदरबांट में ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव इस माफिया कि डर और दहशत के आगे कुछ भी कहने और करने से डरते हैं। चर्चा तो ऐसी भी है की माफिया द्वारा अपनी इच्छा अनुरूप सचिव और रोजगार सहायक अपनी सेटिंग की बदौलत बदला भी जाता रहा है। बहरहाल मामले की किसी उच्च स्तरीय जांच के बाद ही, बड़े स्तर में चल रहे भ्रष्टाचार का खुलासा किया जा सकता है।