विदिशा [जनकल्याण मेल] भारतवर्ष के सबसे युवा प्रधानमंत्री के रूप में राजीवजी ने 21वी सदी के साधन सपन्न आधुनिक व आत्मनिर्भर भारत की परीकल्पना की थी। उनके 5 वर्षों के प्रधानमंत्री वाले कार्यकाल में एक के बाद एक ऐसे निर्णय लिए जिनमे उनको सोच, दूरदर्शिता व राष्ट्र के लिए समर्पण साफ नजर आता है। इनके द्वारा लिए गए प्रमुख फैसलों पर आज भी देश प्रगति के रास्ते आगे बढ़ रहा है या ये कहें कि इनके द्वारा लगाए हुए पौधे आज फलने लगे हैं तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। राजीवगांधी सरकार के जिन महत्वपूर्ण फैसलों ने देश को नई गति दी उनमें प्रमुख ये हैं। 1. आधुनिक व आत्मनिर्भर भारत के लिए विज्ञान व प्राद्योगिकी को प्राथमिकता दी व सामाजिक विकास के लिए उसका उपयोग किया जैसे कंप्यूटर, इंटरनेट सेवा, एसटीडी व दूरसंचार और डिजिटल प्रणाली को विश्व स्तरीय बनाया। 2. शिक्षित राष्ट्र की परिकल्पना, सर्वशिक्षा अभियान, युवाओं के लिए उच्च शिक्षा और ग्रामीण प्रतिभाओं के लिए देश के हर जिले में नवोदय विद्यालय की स्थापना की जिसका करोड़ों रुपये का सम्पूर्ण वार्षिक खर्च भारत सरकार वहन करती है। 3. कृषि क्षेत्र को आधुनिक व अधिक उत्पादक बनाने के लिए राजीवजी ने कृषि पर आधारित फ़ूड प्रोसेसिंग उद्योगों को प्राथमिकता दी, अमूल दूध जो सिर्फ गुजरात तक सीमित था उसको देश के दूर दराज तक पहुचाने की योजना भी उनकी ही थी। मौसम की भविष्यवाणी करने सुपर कंप्यूटर व सैटेलाइट सिस्टम भी उनकी सोच का परिणाम है। 4.परमाणु ऊर्जा के मामले में देश को आगे बढ़ाया, आगामी वर्षों में 20000 मेगावॉट बिजली परमाणु ऊर्जा से बने ये भी उनका लक्ष्य था और परमाणु वैज्ञानिक डॉ राजा रमन्ना फुल सपोर्ट देकर हमने फ़ास्ट ब्रीडर टेक्नोलॉजी पर स्वदेशी रिएक्टर्स का सफलता पूर्बक निर्माण किया और भारत दुनिया के प्रथम छःराष्ट्रों में शामिल हो गया। 5. आज भारत ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में दुनिया के प्रथम तीन प्रथम राष्ट्रों में आ चुका है जिसमे लाखों नौजवानों को रोजगार मिल रहा है और डेढ़ की अर्थ व्यवस्था मज़बूत हुई, जापान और कोरियाई कंपनियों से हिस्सेदारी कर नई टेक्नोलॉजी का भारत मे हब बना। आदि आदि कई सैकडों दूरदर्शी काम किये गए जिनो जन्ताजनार्दन आज भी याद करती है। अंत मे मैं यह भी बताना चाहूंगा कि राम जन्म भूमि का ताला खुलवाने से लेकर भव्य राममन्दिर का निर्माण हो यह योजना भी राजीवजी के दिल व दिमाग मे रहती थी क्यों कि उनके मन मे राम रहते थे और वो इस योजना का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते थे। ऐसे थे हमारे राजीव गाँधी। ~प्रतापभानु शर्मा, पूर्व सांसद विदिशा