जिंदगी से जंग हारे इरफ़ान खान- भावपूर्ण श्रद्धांजलि

जनकल्याण परिवार के तरफ से भावपूर्ण श्रद्धांजलि 


बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर इरफान खान की 53 साल की उम्र में मौत हो गई। एक दिन पहले मंगलवार को उन्हें कोकिलाबेन अस्पताल के आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। साल 2018 में इरफान खान को पता चला था कि वह न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से पीड़ित थे। इस बीमारी के इलाज के लिए इरफान खान लंदन भी गए थे और करीब साल भर इलाज कराने के बाद वह वापस भारत लौटे थे। न्यूरोएंडोक्राइन ऐसा ट्यूमर है जो आपके शरीर में पेट, डूयोडेनम (ग्रहणी), एपेंडिक्स, कोलोन और रेक्टम, पैंक्रियाज जैसे हिस्सों में हो सकता है। शरीर के इन हिस्सों में होने वाले कैंसर को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर की कैटेगरी में रखा गया है।


इरफान का निधन ऐसे समय हुआ है, जब पूरा देश लॉकडाउन के कारण घरों में कैद है। माना जा रहा है कि इरफान खान के अंतिम संस्कार में परिवार और फिल्मी जगत की गिनी चुनी हस्तियां ही मौजूद रहेंगी। कुछ दिन पहले इरफान की मां का निधन हुआ था। लॉकडाउन की वजह से इरफान अपनी मां को मिट्टी नहीं दे पाए थे। वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मां के अंतिम संस्कार का हिस्सा बने थे।


इरफान का जन्म 7 जनवरी 1967 को जयपुर में हुआ था। इरफान का पूरा नाम साहबजादे इरफान अली खान है। उनका जन्म एक पठान मुस्लिम ​परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जागीरदार खान था। वे टायर का व्यापार करते थे। आपको जानकर शायद हैरानी हो कि पठान मुस्लिम परिवार में जन्म होने के बाद भी उन्होंने कभी मांस नहीं खाया। वे बचपन से शाकाहारी थे। उनकी इस आदत पर उनके पिता हमेशा कहते कि पठान परिवार में ब्राह्मण पैदा हो गया। एक्टर ने 23 फरवरी 1995 को अपनी क्लासमेट सुतापा सिकंदर से शादी की थी। सुतापा ने हर कदम पर इरफान का साथ दिया। इरफान ने जब सुतापा सिकंदर से शादी का फैसला किया तो वो उनके लिए धर्म बदलने के लिए भी तैयार हो गए थे लेकिन सुतापा के घरवाले दोनों की शादी के लिए तैयार हो गए, जिसके बाद इरफान को धर्म बदलने की जरूरत नहीं पड़ी। 


इरफान खान का शुरुआती दौर संघर्षों से भरा था। जब उनका एनएसडी में प्रवेश हुआ, उन्हीं दिनों उनके पिता की मृत्यु हो गई। पिता की मृत्यु की वजह से उन्हें घर में पैसे मिलना भी बंद हो गए। एनएसडी से मिलने वाली फेलोशिप के जरिए उन्होंने अपना कोर्स खत्म किया। इरफान खान ने अपनी करियर की शुरुआत टेलीविजन से की थी, जिसके बाद वह 1998 में फिल्मों में आए। अपने फिल्मी ​कॅरियर में इरफान बॉलीवुड के साथ-साथ हॉलीवुड में भी सक्रिय रहें। उन्होंने हॉलीवुड की 'स्पाइडर मैन', 'जुरासिक वर्ल्ड' और 'इन्फर्नो' जैसी फिल्मों में काम किया। उनकी अदाकारी देखकर हॉलीवुड अभिनेता टॉम हैंक्स ने उनकी सराहना की थी और कहा था कि सिर्फ इरफान ही नहीं उनकी आंखें भी अभिनय करती हैं।


इरफान ने पहली बार 2005 में आई फिल्म 'रोग' में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फिल्म 'हासिल' के लिए इरफान खान को उस साल का 'बेस्ट विलेन' का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। उसके बाद इरफान ने 'लंचबॉक्स', 'गुंडे', 'हैदर', 'पीकू' और 'हिंदी मीडियम' जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया। जिसके लिए उन्हें कई अवॉर्ड से नवाजा गया। फिल्म 'पान सिंह तोमर' के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड से भी नवाजा गया। साल 2011 में उन्हें भारत सरकार की तरफ से पद्मश्री से सम्मा​नित किया गया। उनकी आखिरी फिल्म अंग्रेजी मीडियम थी जो 13 मार्च 2020 को रिलीज हुई थी।