"108" में सेवा दे रहे कर्मचारियों  को मिले सुरक्षा ओर बीमा


अशोकनगर:(जनकल्याण मेल)।  वैश्विक महामारी कोरोना (कोविड़ -19) के इस संकट के दौर में जहां प्रशासन के निचले स्तर से लेकर शीर्ष स्तर तक के विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी लगातार अपनी सेवायें दे रहे हैं। लेकिन इस महामारी के दौर में जान जोखिम में ड़ालकर सेवायें दे रहे कर्मचारियों का ऐसा भी दल है। जिन पर अब तक सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया है। यह कर्मचारी कोई और नहीं बल्कि कोरोना महामारी के इस संकट में लाईफलाइन बने 108 एंबूलेंस में काम कर रहे कर्मचारी जो अपनी जान जोखिम में डालकर लगातार सेवाओं में लगे हुये हैं। इन एंबूलेंस सेवा दाताओं की विभिन्न मांगो को लेेकर  भारतीय मजदूर संघ ने आवाज उठाई है। राज्य सरकार से इन सभी कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर सरकार को पत्र लिखा है।


भारतीय मजदूर संघ अशोकनगर के जिला मंत्री हैरी रघुवंशी ने बताया कि 


कोविड -19 के बढ़ते प्रकोप के इस संकट के दौर में प्रदेश भर में लगभग 600 एंबूलेंस लगातार काम कर रहे हैं, ये एंबूलेंस प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन लगातार कर रहे हैं लेकिन हालात यह है कि  जमीनी स्तर मरीजो तक सबसे पहले पहुंचनें वाले एंबूलेंस के कर्मचारियों के पास अपनी सुरक्षा को लेकर सरकार द्वारा कोई माकूल इंतजाम मुहैया नहीं कराये गये हैं, जिसे लेकर 108 एंबूलेंस एसोसिएशन द्वारा सरकार से मांग भी की जा चुकी है लेकिन सरकार इस दिशा में अब तक कोई इंतजाम ना कर सकी, वहीं मजदूरों के हित में सदैव तत्पर
    
       रही भारतीय मजदूर संघ ने भी सरकार से इस दिशा में ध्यान देनें और इन सभी कर्मचारियों को सुरक्षा व बीमा सुविधायें मुहैया करानें को लेकर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। भारतीय मजदूर संघ ( Bms ) के प्रदेश महामंत्री के.पी.सिंह नें मुखिया को पत्र लिखकर इस दिशा में ध्यान देनें का आग्रह किया है---


पहला की एंबूलेंस कमचारियो को ppe किट उपलब्ध कराए जाये ताकि वे संक्रमित एव संदिग्ध मरीजो को अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए परिवहन कर सके ।दूसरी के 108 एंबूलेंस कर्मचारी को उच्च गुणवत्ता वाले  मास्क,हैड सैनटाइस,हैड वाश उपलब्ध कराया जाये । तीसरी की 108 एंबूलेंस कर्मचारीयो को 50 लाख का बीमा भी कराया जाये 


नींद भी पूरी नहीं कर पा रहे पायलट----


जानकारी के मुताबिक जनता कर्फ्यू के बाद लगातार लॉकडाउन के चलते इन एंबूलेंस में कार्यरत ऐसे सैकड़ो कर्मचारी व मेडिकल स्टॉफ है, जो कि छुट्टियों आदि में जानें के कारण अब भी बाहर फंसे हुये हैं और अपनी कार्यरत स्थान पर नहीं पहुंच सके हैं। जिससे मौजूदा पॉयलट पर काम का बोझ बढ़ गया है। जिस कारण पायलट से लेकर मेडिकल स्टाफ घंटों अपनी सेवायें दे रहे हैं। आलम यह है कि वह उन्हें कुछ घंटों का भी आराम नहीं मिल पा रहा है। इन परिस्थितियों में यदि यह लगातार सेवायें देते रहे तो इनका स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है। जिससे इनकी द्वारा दी जानें वाली सेवायें बाधित हो सकती है। सरकार को इस दिशा में भी ध्यान देनें की आवश्यकता है, कि बाहर फंसे इन कर्मचारियों को कार्यस्थल पर लानें का प्रबंध करे ताकि सेवायें बिना किसी बाधा के जारी रहे।


बीमा, सुरक्षा का मिले लाभ  


भारतीय मजदूर संघ नें सरकार से मांग कर कहा कि यदि संक्रमण की चपेट में यह आये तो स्थितियां हो सकती है भयावह होंगी सरकार इस दिशा में जल्द ठोस निर्णय ले और सुरक्षा उपकरणों के साथ ही स्वास्थ्य बीमा कर इन्हें व परिजनों को चिंतामुक्त करें।