अधिकारियों की लापरवाही व मनमानी के चलते फिर बनी विवाद की स्थिति। आपत्ति घोषणा के बाद बदला वार्डों का आरक्षण।
मुंगावली:(जनकल्याण मेल) नगर परिषद मुंगावली के वार्डों का आरक्षण अधिकारियों की मनमानी से लगातार विवादों में पड़ता जा रहा है और सबसे पहले जो आरक्षण किया गया उसको लिपकीय त्रुटि बताकर तीन वार्डों की जगह सभी पन्द्रह वार्डों का आरक्षण निरस्त करके 2 मार्च को फिर से आरक्षण नए सिरे से किया गया और इस प्रक्रिया में भी आरक्षण अधिकारियों की लापरवाही के चलते विवादों में पड़ गया है। पूर्व में वार्डों को एससी एसटी के लिए आरक्षित कर दिया गया था जहां उनकी जनसंख्या कम थी या नहीं थी। जब इस बात का निर्वाचन आयोग द्वारा संज्ञान लिया और अधिकारियों को पत्र जारी किया उसके बाद आरक्षित किये गए तीन वार्डों की जगह सभी पंद्रह वार्डों का आरक्षण निरस्त करके दोबारा आरक्षण प्रक्रिया की गई। और दो मार्च को जो दोबारा आरक्षण किया गया वह भी अधिकारियों की लापरवाही के चलते विवादों में है ।और इसकी लिखित एवं मौखिक शिकायत कलेक्टर कार्यालय व स्वयं कलेक्टर से भाजपा व कांग्रेस के पदाधिकारियों के द्वारा की गई हैं।
क्यों बनी विवाद की स्थिति:-
देखा जाए तो दो मार्च को नवीन आरक्षण प्रक्रिया सम्पन्न हुई तो कलेक्टर व अन्य अधिकारियों द्वारा पर्चियां उठवाई गईं और उसके आधार पर वार्ड 6 व 4 को सामान्य पुरूष व 12 और 14 को सामान्य महिला के लिए आरक्षित किया गया था। लेकिन बाद में अधिकारियों द्वारा सभी पार्टियों के नेताओ के जाने के बाद इन वार्डों का आरक्षण अपनी मर्जी से उलट दिया गया और जो वार्ड पहले सामान्य पुरूष थे उनको महिला व महिलाओं के लिये आरक्षित किये गए वार्ड को पुरूष के लिए आरक्षित कर दिया। जिसको देखकर सवाल यह उठता है कि आखिर जब प्रक्रिया सभी लोगों के बीच सम्पन्न हो गई थी तो अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से किस आधार पर छेड़छाड़ की गई।
आखिर इन लापरवाह व मनमाने कर्मचारियों पर कब होगी कार्रवाई:-
इस तरह दो बार मैं भी आरक्षण प्रक्रिया निर्विवाद रूप से न होने के चलते सवाल यह उठता है कि आखिर इस तरह लापरवाह व मनमाने कर्मचारियों पर कब कार्रवाई की जाती है जिससे कि आने वाले समय मैं ऐसे विवादों से बचा जा सके।
इनका कहना है:-
इस तरह की शिकायत प्राप्त हुई हैं और जिसकी जांच तो की पर अभी आपत्ति आने के बाद उनका निराकरण किया जाएगा।