सुविधाओं से वंचित रहवासी हो रहे परेशान

 


५८ कॉलोनियों में से सिर्फ ५ कॉलोनियां हुई वैध
कमलनाथ सरकार ने फिर वैध कराने की कवायद शुरू की
नई जगह बन रहीं कॉलोनियां इधर....सुविधाओं के लिए रहवासी परेशान हैं
रायसेन/[.जनकल्याण मेल ] एक साल पहले जिलेभर में अवैध कॉलोनियों को वैध कराने के लिए सर्वे किया गया।इस दौरान सर्वे में नपा के रिकार्ड में ५५ कॉलोनियां ऐसी मिलीं जो अवैध थीं। सबसे अधिक कॉलोनी रायसेन शहर की  हैं। इन्हें वैध कराने के लिए कमलनाथ सरकार ने फिर से कवायद शुरू कर दी है।सरकार के आदेश पर नगरपालिका परिषद ने तैयारी शुरू की   है। इसके पहले  भी शुरूआती करीब चार महीने में सिर्फ  डीपीआर ही तैयार की जा सकी थी। इसके बाद सभी कॉलोनियों को वैध करने के लिए प्लान शासन को भेजा गया लेकिन इसके बाद यह वहीं अटक कर रह गया।
करीब २० से २२  हजार की आबादी बसी है इन अवैध कालोनियों में
  धीमी गति से चल रहे काम से अभी भी १5 से २0 हजार लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए हर रोज परेशान हो रहे हैं। इतना होने पर भी नई जगह कॉलोनियां लगातार काटी जा रहीं हैं ।जिसे रोकने  जिला प्रशासन सख्ती नहीं कर पा रहा है।अवैध कॉलोनियों को वैध कराने के लिए एक साल पहले पूरे जिले में सर्वे कराया गया। तत्कालीन शिवराज सरकार ने सभी अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए कुछ समय पहले नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा था। इसके बाद इस तरह की कॉलोनियों को चिन्हित किया गया और फि र इन्हें नियमानुसार वैध करने की कार्रवाई शुरू की गई। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।
सवाल... प्रशासन कॉलोनाइजर्स पर नई कॉलोनी काटने पर क्यों नहीं कर पा रहा सख्ती
कॉलोनियां वैध होने से यह होंगे फायदे
>> लोगों को पेयजल की सुविधा मिल सकेगी।अभी इन कॉलोनियों में पानी की कोई सुविधा नहीं है।
>> कॉलोनियों में लोगों ने घर तो बना लिए लेकिन वहां पर सड़कों की सुविधा नहीं है। जहां पर सड़कें हैं भी तो वे कच्ची हैं।वैध होने के बाद सभी कॉलोनियों में पक् का निर्माण कराया जाएगा।
>> इन कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है।वैध होने के बाद इन कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी।
>> इसके अलावा अन्य सुविधाएं भी मिलना शुरू हो जाएंगी जो अभी तक इन कॉलोनियों में नहीं हैं।इनमें पार्क की व्यवस्था के अलावा कचरा कलेक्शन आदि प्रमुख हैं।
जिले में 1०9 कॉलोनियां नहीं हुईं वैध,कॉलोनी काटकर गायब
हो गए कालोनाइजर्स
आने वाले दिनों में यह समस्या भी प्रशासन के सामने आएगी जब कॉलोनियों को वैध करने का काम किया जाएगा।उस समय कॉलोनाइजर्स को भी बुलाया जाएगा।लेकिन खास बात यह है कि इनमें से काफ ी लोग तो कॉलोनी काटने के बाद प्लॉट बेचने के बाद गायब हो गए हैं। इस संबंध में डूडा के सहायक परियोजना अधिकारी प्रहलाद कुमार चावला  ने बताया कि अवैध कॉलोनियों की डीपीआर तैयार कराकर भेज दी है।स्वीकृ ति के बाद ही वैध करने की कार्रवाई की जाएगी।
जहां जिसकी मर्जी आई उसने काट दी थी कॉलोनी....
कु छ साल पहले जब जमीनों के भाव आसमान पर थे तो उस समय कॉलोनाइजर्स की संख्या में काफी इजाफ ा हुआ था। जहां देखा वहीं इन लोगों ने  खेतों में चूने की लाइन डाली और प्लाट काटना शुरु कर दिए।बिना शासकीय अनुमतियां प्राप्त किए ही इन कॉलोनियों को काट दिया गया और लोगों ने भी जानकारी के अभाव में अपनी मेहनत की कमाई इन कॉलोनियों में लगा दी।बाद में उन्हें पता चला कि जहां पर उन्होंने प्लॉट लिए हैं वह अवैध कॉलोनी हैं।
मूलभूत सुविधाओं के लिए हर रोज लगाते हैं चक्कर
इस समय सबसे बड़ी समस्या यह है कि मूलभूत सुविधाओं के लिए लोग हर रोज चक् कर लगा रहे हैं।चाहे वह जनसुनवाई हो या फि र अन्य जनप्रतिनिधि व नगरपालिका कार्यालय  सभी के पास लोगों की भीड़  लगी रहती है। लोगों की मजबूरी यह है कि ना तो उन्हें सड़क की सुविधा मिल पा रही है और ना ही पानी की। बिजली के लिए कनेक्शन भी नहीं मिल पा रहे हैं।ऐसे में लोग परेशान हो रहे हैं।वह हर रोज अफ सरों के चक्कर लगाते हैं।वीआई कॉलोनी निवासी हरिकृष्ण यादव,बबलू ठाकुर ,तेज सिंह ठाकुर,वकील  बीबी दुबे आदि का कहना है कि अवैध कॉलोनी के कारण यहां सड़कें ,पीने का पानी आदि मूलभूत सुविधाएं लोगों को मयस्सर नहीं हो पा रही हैं।
कहां कितनी अवैध कालोनी
जिलेभर की बात करें तो सबसे अधिक अवैध कॉलोनी रायसेन में हैं जिनकी संख्या ५५ है।इसके अलावा  गैरतगंज, सिलवानी,बेगमगंज,औबेदुल्लागंज,बरेली,उदयपुरा इनकी संख्या ५४ है।