शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मेहरबानी से शासन के मापदंडों के अनुरूप चल रहे निजी स्कूल
जनकल्याण मेल
छिंदवाड़ा:-:- मोहखेड विकासखंड मे संचालित हो रही निजी स्कूलों में शिक्षा विभाग के तय मापदंडो का पालन नही किया जा रहा है.विभाग से मान्यता लेने वाले स्कूलों में पर्याप्त सुविधा संपन्न भवन व खेल मैदान का अभाव है.शिक्षा विभाग न खामियों को दुरूस्त करने बजाए बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए बकायदा मान्यता को जारी रखे हुए है.इस तरह कि तस्वीरे उमरानाला, तंसरामाल,सिललेवानी,मऊ,मोहखेड, महलपुर,पालाखेड, सावरीबाजार, लिंगा, खुनाझिरखुर्द,चिखलीकला,जमुनियामाल,मैनीखापा, लावाघोघरी, बदनूर,कामठी,नरसला समेत अन्य गांवो में शासन के मापदंडों के अनुरूप संचालित है.
मोहखेड मे 100 अधिक निजी स्कूल पहले से संचालित
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मोहखेड़ विकासखंड में 100 से अधिक निजी स्कूल संचालित है.अधिकतर इन स्कूलों में खेल मैदान,भवन,बालक-बालिका दोनो के लिए शौचालय नही है.या फिर तय मापदंडों के अनुरूप नही है.
प्रशिक्षित शिक्षकों का अभाव
जिले में 80 फीसदी निजी स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षको की कमी है.वही स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त शिक्षक नही रखे गए है.इसके अलावा अनेक निजी स्कूल के स्वयं के भवन के बजाए सालो से सुविधाविहीन किराए के भवन में संचालित हो रहे है.पालक अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए ही शासकीय स्कूलों की बजाए निजी स्कूलों मे भेजते है,लेकिन यहा भी सुविधा नही मिलने से पालक भी लाचार है.
शिक्षा विभाग की मेहरबानी
शिक्षा विभाग के अधिकारी मापदंडों में कमी पाए जाने वाले स्कूलों के संचालक को एक साल में व्यवस्था बनाने को लेकर निर्देश देने की बात कह रहे है.लेकिन पिछले तीन-चार साल से बिना मापदंडों के स्कूल का संचालन हो रहा है.खास बात ये है कि शिक्षा विभाग तय मापदंडों का पालन नही करने वाले स्कूलों पर कार्यवाही करने के बजाए उन पर मेहरबान है,साथ हि नए स्कूलों का भौतिक सत्यापन के टेबल पर बैंठे-बैंठे संचालन के लिए अनुमति दे रहे है.इन जगहो पर चल रहे बेधडक स्कूल मोहखेड तहसील के अंचल ग्रामो में संचालन हो रहा है.
निजी स्कूल का संचालन के लिए ये है मापदंड
निजी स्कूल में विधार्थियों की संख्या के आधार पर प्रशिक्षित शिक्षको की नियुक्ति किए जाने के अलावा बच्चों के लिए शौचालय, शुद्ध पेयजल उपलब्धता, जितनी कक्षा उतनी ही कमरे जैसे प्रावधान है.प्राथमिक शाला में 35 विधार्थियों में 1 शिक्षक , 60 में दो ,61 बच्चों में 3, 120 बच्चों में 4 व 200 बच्चों पर 5 शिक्षक अनिवार्य है.मिडिल स्कूल में प्रधान अध्यापक को छोडकर विषय व छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुपात में 30 बच्चों पर दो शिक्षक होना चाहिए, हाईस्कूल में 6 शिक्षक व हायर सेकेंडरी में 11 स्नाकोत्तर शिक्षक पदस्थ होने चाहिए.स्कूलों में डीएड-बीएड व स्नाकोत्तर डिग्री वाले शिक्षक होने चाहिए.