कथा बाचिका का हुआ सम्मान ।
बहादुरपुर' : (जनकल्या्ण मेल) घाटबमुरिया के बैरामपुर धाम में पिछले एक सप्ताह से चल रही राम कथा का श्रीराम के राज्याभिषेक के प्रसंग के साथ समापन हो गया। व्यास पीठ से मंगलवार को कथावाचिका दीपा शास्त्री ने श्रीराम राज्याभिषेक के प्रसंग का वर्णन विस्तार से सुनाया। कथा में भगवान राम व रावण के बीच हुए घमासान युद्ध की कई गूढ़ बातें बताई गई। हर-हर महादेव व जय श्रीराम के जयकारों से पांडाल गूंज उठा। इससे पहले सीता का हरण, बाली वध, रामसेतु निर्माण, लक्ष्मण के अचेत होने जैसे प्रसंग सुनाए गए। कथा वाचिका ने कहा, दशानन की पराजय नहीं होते देख विभीषण ने भगवान श्रीराम को रावण के वध का तरीका बताया। रावण की नाभि में बाण मारने से ही उसका अंत होगा। रावण वध की कथा सुनाते ही पांडाल श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा। इसके बाद भगवान राम, माता सीता व लक्ष्मण अयोध्या लौटे। आयोध्यावासियों ने दीपोत्सव मनाया। भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ। भगवान राम की महाआरती के साथ ही रामकथा का समापन हुआ।
इस बार कथा के लिए बनाए गए स्थाई मंच जो करीब 1 लाख रु की लागत से तैयार किया गया है, मंच बनाने के लिए एक लाख रु की धनराशि अरविन्द सिंह दांगी कुकावली द्वारा अपने पिताजी कलेक्टर सिंह दांगी की स्मृति में प्रदान की गई , और कथा के समापन अवसर पर कथा वाचिका दीपा शास्त्री का शाल और श्री फल देकर सम्मान किया गया।