कथा में राम विवाह के प्रसंगों का सुंदर वर्णन सुनाया


 हनुमान मंदिर पर चल रही है राम कथा।


अशोकनगर:(जनकल्याण मेल)  बाँसाखेड़ी दिव्य हनुमान मन्दिर पर चल रही रामकथा के छटवें   दिवस में श्रीधाम अबध नेमिषारण्य से पधारे पं. मधुरकृष्ण  महाराज ने  प्रभु राम सहित चारों भाइयों के विवाह से लेकर माता सीता की विदाई के सुन्दर प्रसङ्ग रामकथा में चौपाइयों की सुन्दर व्याख्या करते हुए सुनाये , तब जन्म पाई वशिष्ठ आयसु ब्याह साज सम्हारिकै।


मांडवी , श्रुति - कीर्ति , उर्मिला कुँवर लें हंकारिकै।।


इस प्रकार से चारों भाइयों का विवाह सम्पन्न हुआ , चारों भाइयों के विवाह के पश्चात् विदेहराज जनक से महाराज दशरथ आज्ञा मांगते हैं , बेटी सीता की विदाई में महाराज जनक अधीर हो गए।


सीय बिलोकि धीरज भागी।


रहेकहावत परम् विरागी।


पुत्री पवित्र किए कुल दोऊ।
सुजस धवल जब जग कह सब कोऊ।।


इस प्रकार से भगवान श्रीराम माँ सीता के साथ में चारों भाइयों सहित बारात के साथ अवधपुर वापिस आये।
जब राम सीता को ब्याह कर घर आये।
नित मङ्गल मोद बधाये।प्रभु श्री राम के विवाह के पश्चात् अवधपुर में प्रतिदिन मङ्गलगान एवं बधाइयाँ गाई जाने लगीं।
इस प्रकार से सुन्दर प्रसंगों का वर्णन महाराज श्री मधुरकृष्ण जी के श्रीमुख से सुनाया गया
आज भारी संख्या में भक्तगण मौजूद थे इस कथा में विशेष रूप से नपा उपाध्यक्ष डॉ हरवीर सिंह रघुवंशी  , डॉ जयमण्डल यादव ,  मंडी अध्यक्ष अजयप्रताप यादव  शैलेन्द्र शर्मा "मन्टू" , पुजारी  देवीलाल , राजेश यादव ,रामवीर बाबूजी रामबली शिक्षक शिवप्रताप सरपंच अप्पू सोनी सहित सभी श्रोता भक्तगण उपस्थित थे ।