निर्मल कुमार विश्वकर्मा
चंदेरी - बुधवार सुबह चंदेरी थाना अंतर्गत ग्राम सकवारा में एक महिला एवं उसके अजन्मे बालक की करंट लगने से मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम सकवारा निवासी रजनी लोधी पत्नी नरेंद्र लोधी की मौत अपने अजन्मे बालक के साथ उस समय हो गई जब वह अपने घर में गोबर से लिपाई कर रही थी गोबर से लिपाई करते समय उनका हाथ टेबल पर विद्युत सप्लाई के लिए रखे बोर्ड पर पड़ गया और बोर्ड में संचालित करंट इतना जबरदस्त था कि उसके पेट में पल रहे अपने 8 माह के अजन्में बालक के साथ घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
पुलिस चंदेरी ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम पश्चात परिजनों को सौंप दिया है।
शव वाहन के अभाव में करना पड़ा मृत महिला को लगभग 2 घंटे इंतजार।
मध्य प्रदेश सरकार जहां मध्य प्रदेश में विकास के बड़े-बड़े दावे करती है किंतु उन दावों की पोल उस समय खुलती नजर आती है जब व्यक्ति विशेष को वह सुविधा यथा समय नहीं उपलब्ध हो पाती अभी हाल ही में कुछ दिन पहले अपने एक दिवसीय प्रवास पर पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट नए चंदेरी अस्पताल को ₹10करोड़ की राशि स्वास्थ्य मंत्रालय से तथा 30 बिस्तर के स्थान पर 50 बिस्तर के अस्पताल में उन्नयन की घोषणा की थी किंतु इतने बड़े अस्पताल में आज भी शव को लाने ले जाने हेतु किसी प्रकार का शव वाहन उपलब्ध नहीं हो पाया है।
आज शव वाहन के अभाव में मृत रजनी के शव को पोस्टमार्टम हो जाने के लगभग 2 घंटे तक सिविल अस्पताल चंदेरी के शव गृह में इंतजार करना पड़ा।
शववाहन की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी आखिर किसकी है
नगर पालिका चंदेरी में वर्ष 2012 मैं शव वाहन के लिए परिषद में एक प्रस्ताव पारित किया गया था किंतु 7 वर्ष बीत जाने के पश्चात भी आज तक सिविल अस्पताल चंदेरी को शव वाहन की व्यवस्था नहीं हो पाई है आखिर ऐसी स्थिति में शव वाहन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी आखिर किसकी होती है।