निगम की नजर , जिंदगी से बेखबर
सुरेन्द्र मिश्रा
भोपाल - राजधानी भोपाल की जिला अदालत के चारों ओर गंदगी ही गंदगी नजर आयेगी। जिसमें मच्छरों ने अपना डेरा जमा लिया है । यहां आने - जाने वाले लोगों का बदबू और मच्छर आओ - भगत करते हैं । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और भोपाल की जेल पहाड़ी पर बनी आलीशान हवेली जिसमें लगती है जिला अदालत . .! एक बार क्या 10 बार भी कोई अंदर आ जाए, तो वह बाहर निकलने का रास्ता राहगीर से जरूर पूछता है, क्योंकि यह बृहद आधार लिए भवन भूल भुलैया में भटका देती है । देश की बहुत सुंदर इस जिला अदालत में लगभग 60 एडीजे पदस्थ है । जिसमें 3000 एडवोकेट यहां प्रैक्टिस करते हैं । इसमें खूंखार अपराधियों के अलावा 4 से 5000 लोग अन्याय के विरूद्ध न्याय पाने यहां आते हैं । भवन के चारों तरफ नालियां तो बनी है लेकिन कचरे से भरी पड़ी है । कई स्थानों पर तो गंदगी से बदबू आ रही है । जिस पर मच्छरों ने अपना घर बना लिया है । इस जिला अदालत में आने जाने पर मच्छर अपना डंक मारने से बाज नहीं आते । यहां अन्याय से निजात तो मिलती है परंतु न्याय पाने वाला व्यक्ति मच्छर के अन्याय के कारण डेंगू ,मलेरिया जैसी घातक बीमारी की चपेट में आ जाता है । एडवोकेट लक्ष्मीनारायण चौहान ने जनकल्याण मेल को बताया कि जगह-जगह गंदगी के कारण हम सभी परेशान हैं यहां लगे बड़े-बड़े वृक्षों, झाड़ियों की कटिंग भी नहीं होती जिससे आने वाले लोगों को परेशानी होती है ।
नगर निगम को चाहिए कि यहां स्वच्छता अभियान चलाकर साफ सफाई करें और आम नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति ध्यान रखे । एक और प्रदेश के मुखिया कमलनाथ इंदौर के साथ-साथ पूरे प्रदेश को स्वच्छ बनाने की मुहिम चला रहे हैं , वहीं दूसरी ओर राजधानी भोपाल के न्यायालय के चारों तरफ बनी नालियों में कूड़ा - कचरा और नालियां भरी पड़ी है ।