राजनीतिक लाभ के लिए बदली परिसीमन की समय सीमा

 


 भोपाल -   राकेश सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा महापौर और नगरीय निकाय अध्यक्ष की चुनाव प्रणाली को बदला जाना इस बात का प्रमाण है कि कमलनाथ सरकार को उसी के किए गए कार्यों पर भरोसा नहीं है उसे डर है कि जनता उसे नकार देगी। इसलिए कांग्रेस अप्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से पार्षदों की खरीद फरोख्त कर स्थानीय निकायों पर अपना कब्जा जमाना चाहती है। श्री राकेश सिंह ने परिसीमन की समय सीमा घटाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सिर्फ भोपाल ही नहीं पूरे मध्यप्रदेश में प्रदेश सरकार लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है। नियमानुसार चुनाव के 6 माह पूर्व ही परिसीमन की प्रक्रिया पूर्ण हो जानी चाहिए, लेकिन सरकार ने इस समय सीमा को घटाकर 2 माह कर दिया है। इसका सीधा मतलब यह है कि सरकार जब और जिस तरह चाहेगी अचानक परिसीमन करेगी। परिसीमन के पीछे सरकार की मंशा जनसंख्या और भौगोलिक परिस्थितियां न होकर राजनीतिक लाभ लेने की है।


सरकार की कोशिशों के खिलाफ चलाएंगे हस्ताक्षर अभियान


                श्री राकेश सिंह ने कहा कि भोपाल में दो नगर निगम बनाए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी भोपाल सहित पूरे मध्यप्रदेश में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन करेगी। उन्होंने बताया कि सरकार के इस निर्णय को लेकर भोपाल के विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों के लोगों से चर्चा कर भारतीय जनता पार्टी हस्ताक्षर अभियान चलायेगी। साथ ही प्रत्येक विधानसभा में हमारे जनप्रतिनिधि, कार्यकर्ता जनता के साथ दावे आपत्ति दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा महापौर और नगरीय निकाय अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से कराए जाने के निर्णय के विरोध में भारतीय जनता पार्टी पूरे मध्यप्रदेश में 18 से 20 अक्टूबर तक तीन दिन हस्ताक्षर अभियान चलाएगी। स्थानीय नगरीय निकाय और जिला केन्द्रों पर एकत्रित हस्ताक्षरों को संबंधित अधिकारी एवं राज्यपाल को सौंपकर विरोध जताया जाएगा।