डगमगाता जहाज के कप्तान हैं मुख्यमंत्री कमलनाथ - राकेश सिंह

 


भोपाल। कमलनाथ कहने को भले ही प्रदेश के मुख्यमंत्री हों, लेकिन उनकी स्थिति उस जहाज के कप्तान जैसी है, जिसकी हर प्रणाली नियंत्रण से बाहर हो चुकी है और स्टाफ के सदस्य बिना किसी सामंजस्य के मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। कोई किसी को नीचा दिखाने का प्रयास कर रहा है, तो कोई किसी को उसकी हैसियत दिखाने हथकंडेबाजी कर रहा है। ऐसे में यह सुनिश्चित हो चुका है कि प्रदेश सरकार रूपी यह डगमगाता जहाज विकास की मंजिल तो दूर, उसके रास्ते पर भी नहीं आ सकेगा। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद श्री राकेश सिंह ने आईएएस अधिकारी विवेक अग्रवाल के खिलाफ ईओडब्लू द्वारा 300 करोड़ रुपए के स्मार्ट सिटी टेंडर घोटाले की जांच शुरू किए जाने पर नेताओं, मंत्रियों, अधिकारियों के बीच मची उठापटक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।


                श्री राकेश सिंह ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार बिना किसी नियंत्रण के चल रही है। अनुशासन तो कब का खत्म हो चुका, अब तो इस सरकार में अंधेरगर्दी जैसी स्थिति है। प्रदेश के सारे मंत्री और विधायक खेमों में बंटे हैं और एक खेमे के नेता, मंत्री-विधायक कई बार सार्वजनिक रूप से दूसरे खेमे के मंत्रियों-विधायकों की छीछालेदर कर चुके हैं। इस स्थिति के आगे मुख्यमंत्री कमलनाथ लाचार हैं और वे अपनी आंखों के सामने एक संवैधानिक सरकार की मर्यादा का चीरहरण चुपचाप देखने के अलावा कुछ नहीं कर सकते। प्रदेश में नौकरशाही किस कदर बेकाबू हो चुकी है, इसके कई उदाहरण प्रदेश की जनता के सामने आ चुके हैं। कभी शिक्षा विभाग के अधिकारी प्रोटोकॉल को धता बताकर राज्यपाल महोदय का अपमान करते हैं, तो कभी कलेक्टर जैसे अधिकारी पर एक डिप्टी कलेक्टर बंधक बनाने और रेत माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाता है। पुलिस प्रशासन में व्याप्त अराजकता की स्थिति को इस तथ्य से समझा जा सकता है कि हनी ट्रैप मामले की जांच अधिकारियों ने अपनी मर्जी से एटीएस को सौंप दी, जो आतंकवादी घटनाओं और नेटवर्क की जांच तथा कार्रवाई के लिए गठित की गई है। यही नहीं, बल्कि सरकार को मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी के प्रमुख तीन बार बदलना पड़े।


                श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार में व्याप्त उहापोह की स्थिति का सबसे ताजा उदाहरण आईएएस अधिकारी विवेक अग्रवाल के खिलाफ ईओडब्लू द्वारा शुरू की गई जांच का है। इस मामले को लेकर आईएएस एवं आईपीएस लॉबी फिर आमने-सामने है और सामान्य प्रशासन मंत्री इस हद तक अनभिज्ञ हैं कि उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है कि कौन क्या कह रहा है। इस मामले में ईओडब्लू ने जांच शुरू की, तो आईएएस अधिकारी एसोसिएशन की त्यौरियां चढ़ गईं। एसोसिएशन की अध्यक्ष गौरीसिंह ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर विभिन्न जांच एजेंसियों के लिए एडवायजरी जारी करने की मांग कर डाली है। इस मामले में कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि जांच जारी रहेगी, तो सामान्य प्रशासन मंत्री को यह पता ही नहीं है कि आईएएस एसोसिएशन किस तरह ईओडब्लू पर दबाव बनाने का प्रयास कर रही है, जिसके प्रमुख से लेकर अधिकांश पदों पर आईपीएस अधिकारी पदस्थ हैं।